दो पैन कार्ड प्रकरण में सात-सात साल की सजा काट रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म की जेल स्थानांतरण याचिका पर बुधवार को अदालत में सुनवाई पूरी हो गई। उम्मीद है कि कोर्ट कुछ ही समय में अपना निर्णय सुना देगी। दोनों फिलहाल रामपुर जेल में बंद हैं।
याचिका में मांग की गई है कि पिता-पुत्र को एक ही बैरक में रखा जाए और उन्हें ए-श्रेणी की जेल में स्थानांतरित किया जाए। वर्तमान में आज़म ख़ान बैरक नंबर एक में हैं, जबकि रामपुर जेल बी-श्रेणी में आती है। इसी बीच सोमवार रात उनके घर से भेजे गए कंबल को लेकर भी विवाद पैदा हो गया।
जेल अधिकारियों के अनुसार रात के समय कंबल देने की अनुमति नहीं होती, जिसके चलते परिवार से आए कंबल वापस लौटा दिए गए। जेल अधीक्षक राजेश यादव ने बताया कि नियमों के अनुसार किसी भी बाहरी सामग्री को निर्धारित समय के बाहर स्वीकार नहीं किया जा सकता। सजा के बाद सोमवार को आज़म ख़ान को जेल का भोजन दिया गया और मंगलवार को भी उन्होंने जेल का खाना ही खाया।
28 नवंबर को एक और मामले में फैसला संभावित
आज़म ख़ान की कानूनी चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। उनके खिलाफ दर्ज मामलों में से एक अन्य मुकदमे में बचाव पक्ष की दलीलें पूरी हो चुकी हैं, जबकि अभियोजन पहले ही अपनी बहस समाप्त कर चुका है। कोर्ट इस मामले में 28 नवंबर को फैसला सुना सकती है।
गौरतलब है कि आज़म ख़ान पर कुल 104 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 84 अभी विचाराधीन हैं। सात मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है, जबकि सात में बरी हो चुके हैं। इनमें एक मुकदमा पूर्व सपा नेता अमर सिंह द्वारा गोमतीनगर, लखनऊ थाने में दर्ज कराया गया था। आरोप था कि आज़म ख़ान ने एक टीवी इंटरव्यू में अमर सिंह और उनके परिवार के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।