बदायूं (उत्तर प्रदेश)। जिले में एक पुराने भूमि विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। पूर्व विधायक योगेंद्र सागर और उनके बेटे, पूर्व विधायक कुशाग्र सागर समेत 35 लोगों के खिलाफ अदालत ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पुष्पेंद्र चौधरी ने यह आदेश खेत पर बने ट्यूबवेल और तारकशी के बांस उखाड़ने सहित तोड़फोड़ और लूटपाट के आरोपों पर दिया है। अदालत ने पुलिस से तीन नवंबर तक आख्या रिपोर्ट मांगी है।

यह मामला इस्लामनगर थाना क्षेत्र के सिठौली गांव का है। गांव की रहने वाली मंजूल, पत्नी शेर सिंह, ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि पूर्व विधायकों के समर्थकों ने उनकी खेती की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि वह अपने पति के साथ खेती करती हैं जबकि उनका बेटा बाहर नौकरी करता है। मंजूल के मुताबिक, उन्होंने 17 अक्तूबर 2007 को 1.338 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी, जो मुख्य सड़क के किनारे स्थित है।

मंजूल का कहना है कि उक्त भूमि पर जबरन कब्जे की नीयत से पूर्व विधायक कुशाग्र सागर और उनके पिता योगेंद्र सागर के इशारे पर गांव के कई लोग उनके खेत में आंबेडकर पार्क का निर्माण कराने लगे। विरोध करने पर आरोपियों ने खेत में लगी तारकशी, बल्ले, और ट्यूबवेल के उपकरण तोड़ दिए और उन्हें तथा उनके साथ आए ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी दी।

पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने न सिर्फ संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, बल्कि लूटपाट की भी कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि जब सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, तो दरोगा विनोद कुमार ने कार्रवाई से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि "ये लोग पूर्व विधायकों के समर्थक हैं, हम कुछ नहीं कर सकते।"

इसके बाद मंजूल ने कई बार स्थानीय थाने और उच्च अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी 35 नामजद और 15-20 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अब पुलिस को 3 नवंबर तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी।

मामले के बाद क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और ग्रामीणों में भी चर्चा का माहौल बना हुआ है। अदालत की अगली सुनवाई में इस प्रकरण पर आगे की कार्रवाई तय होगी।