बरेली के सूफी टोला स्थित ऐवान-ए-फरहत और गुड मैरिज हॉल के बरातघरों को मंगलवार दोपहर बीडीए ने ध्वस्त करना शुरू कर दिया। कार्रवाई में दो बुलडोजर लगाए गए और भारी पुलिस बल तैनात किया गया। बरातघर मालिक और परिवारों ने इसका विरोध किया; महिलाएं छत पर चढ़कर रोते हुए रहम की गुहार लगाती रहीं, लेकिन प्रशासन ने अवैध निर्माण बताते हुए कार्रवाई को जारी रखा।
कार्रवाई का विवरण
बीडीए के दो बुलडोजर दोपहर 2:45 बजे चलाए गए। इससे पहले सुबह 9 बजे कर्मचारियों ने स्थल का निरीक्षण किया था और प्रशासन की व्यवस्था में पांच घंटे लगे। पुलिस ने मालियों की पुलिया से सूफी टोला जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया। दोपहर 3:45 बजे राशिद खां के गुड मैरिज हॉल पर भी बुलडोजर गरजने लगे।
बरातघर मानक के विपरीत बने
सरफराज वली खां का ऐवान-ए-फरहत बरातघर और राशिद खां का गुड मैरिज हॉल मानक के विपरीत बनाए गए हैं। बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने कहा कि दोनों का नक्शा भी पास नहीं है और इन्हें अवैध बताया गया है। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि थाना बारादरी क्षेत्र में अवैध निर्माण के खिलाफ यह ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जा रही है।
राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि
सरफराज वली खां आजम खां के करीबी हैं और उनके बेटे सैफ वली खान कैंट विधानसभा से सपा के टिकट के दावेदार हैं। बरातघर के ध्वस्त होने से सैफ की राजनीतिक संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। राशिद खां किसी राजनीतिक पार्टी से सीधे जुड़े नहीं हैं, लेकिन 26 सितंबर के बवाल में शामिल कुछ लोगों को उकसाने और आर्थिक मदद देने के आरोप उनके नाम जुड़े हैं।
सोमवार की तैयारी और घटनाक्रम
सोमवार को सुबह 9:30 बजे से एसआई और पुलिस बल ने क्षेत्र का दौरा किया। 11 बजे गुड मैरिज हॉल के मालिक ने अपना सामान बाहर निकालना शुरू किया। 11:22 बजे मालियों की पुलिया की ओर से आने वाले ट्रैफिक को रोका गया। दोपहर 12 बजे कार्रवाई स्थगित की गई थी और पुलिस टीम लौट गई थी।
यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि बीडीए अब अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाओं का तनाव भी बनी हुई है।