कांधला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन प्रोजेक्ट में 6.50 करोड़ रुपये के फर्जी मुआवजे के आरोप में सीबीआई ने मंगलवार को लखनऊ, नोएडा और प्रयागराज में कई स्थानों पर छापेमारी की। जांच एजेंसी ने आरोपियों के पांच ठिकानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य साक्ष्य जब्त किए। मामला इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की शिकायत पर दर्ज किया गया है।

आईओसीएल के चीफ विजिलेंस ऑफिसर (CVO) अनंत सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में जमीन का मुआवजा देने की प्रक्रिया में अधिकारियों और बाहरी लोगों की मिलीभगत से फर्जी लाभार्थियों के खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया। कांधला-गोरखपुर पाइपलाइन प्रोजेक्ट करीब 2800 किमी लंबा है और इसका बजट लगभग 1000 करोड़ रुपये है।

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आईओसीएल के पूर्व जनरल मैनेजर फैसल हसन, सीनियर मैनेजर गौरव सिंह, मैनेजर सुनील कुमार अहिरवार और अन्य इंजीनियरों के साथ प्रयागराज और बरेली के राजस्व अधिकारियों ने मिलकर मुआवजा हड़पने के लिए फर्जी बैंक खाते बनवाए।

सीबीआई ने नामजद प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मंगलवार को लखनऊ के गोमतीनगर, नोएडा के सेक्टर 100 और प्रयागराज के धूमनगंज में आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारे।

शिकायत में प्रयागराज में 4.77 करोड़ और भदोही में 1.35 करोड़ रुपये के फर्जी मुआवजे का खुलासा हुआ है। इसके अलावा मऊ, वाराणसी, प्रतापगढ़, आजमगढ़, उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात, ललितपुर और रायबरेली में करीब 39.34 लाख रुपये के फर्जी मुआवजे का पता चला है।