बाराबंकी पहुँचे प्रसिद्ध सिविल सेवा प्रशिक्षक अवध ओझा ने संवाद के दौरान स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता केवल शिक्षा और युवाओं को सही दिशा देना है। आम आदमी पार्टी में संभावित राजनीतिक भूमिका को लेकर उन्होंने कहा कि वे राजनीति से दूरी बनाए रखना ही बेहतर समझते हैं।
युवाओं के लिए संदेश देते हुए ओझा ने श्रीराम के जीवन का उदाहरण सामने रखा। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अवतार लेने के बाद कठिन परिस्थितियों में 14 वर्ष वनवास में बिताए और संघर्ष व त्याग को सर्वोच्च रखा। उन्होंने कहा कि जब भगवान को भी कठोर परीक्षाओं से गुजरना पड़ा, तो मनुष्यों के लिए संघर्ष से बचने का कोई मार्ग नहीं है। युवाओं को श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए—इससे बड़ा प्रेरणास्रोत और कोई नहीं हो सकता।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि पहल सराहनीय है, लेकिन प्रक्रिया में जल्दबाज़ी नुकसानदायक साबित हो सकती है। उन्होंने आशंका जताई कि घुसपैठ रोकने की कोशिश में कहीं वास्तविक मतदाता ही सूची से बाहर न कर दिए जाएं। इसके लिए अत्यंत सतर्कता और सटीकता जरूरी है।