लखनऊ। शनिवार को एटीएस ने चारबाग के एक होटल पर छापा मारा, जहां कुछ दिन पहले आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए डॉ. शाहीन के करीबी ठहरे थे। एजेंसी ने होटल कर्मचारियों से इन व्यक्तियों की जानकारी जुटाई और CCTV फुटेज भी खंगाला। यह पता लगाया जा रहा है कि होटल में ठहरने वाले पहचान पत्र का प्रयोग कर रहे थे या नहीं।

सूत्रों के अनुसार, शाहीन ने अपने करीबी डॉक्टरों के होटल में ठहरने का इंतजाम किया था। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि होटल में रुकने वाले कहां से आए और कितने दिन तक ठहरे।

शाहीन के पते और विदेश यात्रा पर सवाल
जांच में यह भी सामने आया है कि शाहीन ने अपने स्थायी पते में पिता के खंदारी बाजार स्थित घर का उल्लेख नहीं किया, बल्कि दस्तावेजों में भाई परवेज के घर का पता लिखा। इसके अलावा शाहीन के थाईलैंड यात्रा की खबर भी सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, दो महीने पहले लखनऊ आने के बाद शाहीन ने परवेज से मुलाकात की और इसके बाद कानपुर गए, लेकिन बच्चों से नहीं मिले। एटीएस इस दौरान हुई गतिविधियों का कारण भी पता लगा रही है।

परवेज की रात की ड्यूटी और संदिग्ध गतिविधियां
छानबीन में यह भी खुलासा हुआ कि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में परवेज ने शुरुआती वर्षों में अधिकांश रात की शिफ्ट में ड्यूटी की। एजेंसी का अनुमान है कि वह दिन में संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त रहा हो सकता है। परवेज के घर से मिले मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क की जानकारी निकालने के लिए एटीएस केंद्रीय एजेंसियों से सहयोग ले रही है। परवेज जुलाई 2021 में यूनिवर्सिटी में रेजिडेंट डॉक्टर बने थे।

विदेशी दौरे और कट्टरपंथ से कनेक्शन
जांच में पता चला है कि परवेज तीन साल तक मालदीव में रहे। एजेंसियों को संदेह है कि इस दौरान उनका कट्टरपंथियों से संपर्क बना। परवेज के विदेशी दौरे और वहां उनके करीबी व्यक्तियों के संबंधों की भी जांच की जा रही है।

दुबई के मनोचिकित्सक की भूमिका
एटीएस का कहना है कि दुबई में रहने वाले मनोचिकित्सक डॉ. मुजफ्फर राथर इस माड्यूल के संचालन में सक्रिय थे। मुजफ्फर, सहारनपुर से गिरफ्तार डॉ. आदिल के बड़े भाई हैं, और उन्हें यूपी में सक्रिय स्लीपर सेल का प्रमुख माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फर के कहने पर ही डॉक्टरों का गिरोह सक्रिय हुआ। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया है।