लखनऊ। भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और उत्तर प्रदेश में विस्फोट की साजिश रचने के आरोपी अंसार गजवातुल हिंद संगठन से जुड़ा आतंकी मोहम्मद मोईद दोषी पाया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के विशेष न्यायाधीश हुसैन अहमद अंसारी की अदालत ने शुक्रवार को आयुध अधिनियम के तहत उसे 21 माह 13 दिन की सजा सुनाई।

सुनवाई के दौरान मोईद ने स्वीकार किया था कि उसने एक अवैध पिस्टल और चार कारतूस मुस्तकीम को दिए थे। बाद में यही पिस्टल मुस्तकीम के माध्यम से आरोपी मिनहाज के पास पहुंची, जिसे 11 जुलाई 2021 को एटीएस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के वक्त बरामद किया था। अदालत ने आरोपी की ओर से दिए गए अपराध स्वीकारोक्ति पत्र पर विचार करते हुए उसे पहले से जेल में बिताई गई अवधि के बराबर की सजा दी।

एनआईए के सरकारी वकील एम.के. सिंह के अनुसार, इस मामले की शुरुआत 11 जुलाई 2021 को हुई जब एटीएस इंस्पेक्टर सुशील कुमार सिंह ने गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा गया। एजेंसी ने 29 जुलाई को केस अपने हाथ में लेते हुए जांच शुरू की।

जांच में सामने आया कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर सक्रिय अलकायदा के आतंकी उमर हेलमंडी ने भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए अपने संगठन के विस्तार का आदेश दिया था। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर से जुड़े आतंकी ने लखनऊ निवासी मिनहाज से ऑनलाइन संपर्क किया और उसे अंसार गजवातुल हिंद के लिए सदस्यों की भर्ती का काम सौंपा।

मिनहाज ने मुशीरुद्दीन को संगठन में शामिल कर उत्तर प्रदेश में आतंकी घटनाओं की योजना बनाई। दोनों ने मिलकर विस्फोटक और हथियार जुटाए तथा संभावित स्थलों का चयन किया। जांच में पता चला कि इस साजिश में शकील, मुस्तकीम और मोईद भी सक्रिय थे।

एटीएस ने शुरुआती कार्रवाई में मिनहाज और मुशीरुद्दीन को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए थे। पूछताछ में मिनहाज ने खुलासा किया कि उसने मुस्तकीम को बारूद इकट्ठा करने का आदेश दिया था, जिसने मोईद से संपर्क कर अवैध पिस्टल हासिल की थी। यह पिस्टल उसने एजाज नामक व्यक्ति से खरीदी थी।

एनआईए ने ठोस साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अदालत ने उपलब्ध सबूतों को देखते हुए मोईद को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई।