उत्तर प्रदेश के मेरठ में एसटीएफ ने एक बड़े फर्जी मार्कशीट रैकेट का पर्दाफाश किया है। आरोप है कि यह गैंग पिछले करीब 10 वर्षों से ऐसे छात्रों को फर्जी मार्कशीट उपलब्ध कराता था जो 12वीं में फेल हो चुके थे या उनके नंबर कम थे। इसके बदले वे छात्रों से भारी रकम वसूलते थे। इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है। सभी आरोपी मेरठ के निवासी हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह ऐसे छात्रों की तलाश करता था जिन्हें कॉलेज में दाखिला लेना होता था लेकिन उनकी असली मार्कशीट कम नंबर या फेल होने के कारण समस्या आती थी। गैंग ने आधुनिक तकनीक से फर्जी मार्कशीट बनाई, जिसमें विभिन्न विषयों में मनमाने नंबर बढ़ा दिए जाते थे। इसके अलावा, यह गिरोह कॉलेज में दाखिला दिलाने और ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी बनाता था, जिसके लिए अलग से फीस ली जाती थी।
पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वे जितेंद्र, शिव कुमार और निखिल तोमर हैं। सभी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत गंभीर अपराधों के तहत केस दर्ज किया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे बिना परीक्षा दिए छात्रों के लिए पिछली तारीख की मार्कशीट भी बनाते थे और इस प्रक्रिया में कई छात्रों से मोटी रकम वसूल कर उनका भविष्य खराब किया।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कई प्रिंटर, स्कूलों की मोहरें और कंप्यूटर भी बरामद किए हैं। मामला गंगानगर थाने में दर्ज किया गया है और जांच जारी है।