मेरठ जिले के कस्बा सिवालखास में तीन मासूम बच्चों — शिवांश (8), ऋतिक (8) और मानवी (7) — की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का रहस्य अब तक नहीं सुलझ पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भले ही तीनों की मृत्यु का कारण डूबना बताया गया हो, लेकिन बच्ची मानवी की गर्दन की हड्डी टूटने की बात ने जांच को नया मोड़ दे दिया है। एडीजी भानु भास्कर ने अब तक की पुलिस कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए गहन जांच के निर्देश दिए हैं।
एडीजी ने पीड़ित परिवारों से की मुलाकात
मंगलवार को एडीजी भानु भास्कर डीआईजी कलानिधि नैथानी और एसएसपी डॉ. विपिन ताडा के साथ सिवालखास पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और तीनों पीड़ित परिवारों से मिलकर घटना की जानकारी ली। परिजनों को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया गया।
बच्चों के लापता होने से लेकर शव मिलने तक की कड़ियों की जांच
एडीजी ने एसपी क्राइम अवनीश कुमार, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह और एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा की संयुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। बच्चों के लापता होने से लेकर शव मिलने तक की पूरी समयरेखा की पड़ताल की जा रही है। यह भी जांच की जा रही है कि बच्चों ने कहां-कहां रुककर क्या-क्या किया और किन लोगों से संपर्क में आए। फोरेंसिक टीम को भी जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
रविवार को लापता हुए थे बच्चे, सोमवार सुबह गड्ढे में मिले शव
सिवालखास वार्ड-1 निवासी जितेंद्र की बेटी मानवी, भाई मोनू का बेटा शिवांश और पड़ोसी हिम्मत का बेटा ऋतिक रविवार सुबह करीब 10 बजे घर के बाहर खेलते हुए अचानक लापता हो गए थे। काफी तलाश के बावजूद बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला। सोमवार सुबह छह बजे पास की एक अवैध कॉलोनी के खाली प्लॉट में पानी से भरे गहरे गड्ढे में तीनों बच्चों के शव मिले।
परिजनों का विरोध, हत्या की आशंका
शव मिलने के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस चौकी व मेरठ-बागपत मार्ग पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। परिजनों ने बच्चों की हत्या की आशंका जताई। प्रशासन की ओर से मुआवजा देने और जांच के आश्वासन के बाद बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया। जानी थाने में अज्ञात के खिलाफ अपहरण और हत्या का केस दर्ज किया गया है।
बिल्डर के खिलाफ केस, हिरासत में लिया गया
जिस प्लॉट में शव मिले, वह मुरादनगर निवासी बिल्डर असलम का बताया गया है। वह सिवालखास में अवैध रूप से कॉलोनी विकसित कर रहा था। मिट्टी निकालने के लिए खेत में खुदाई से कई गहरे गड्ढे बन गए थे, जिनमें बारिश का पानी भर गया। इन्हीं में बच्चों के शव मिले। पुलिस ने असलम के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे हिरासत में लिया है।
शव मिलने को लेकर कई सवाल खड़े
परिजनों का कहना है कि जिस गड्ढे से शव मिले, उसकी पहले भी तलाशी ली गई थी। रात 2:30 बजे तक वहां कुछ नहीं था, लेकिन सुबह छह बजे शव वहीं पड़े मिले। साथ ही, शिवांश और ऋतिक घर से टी-शर्ट पहनकर निकले थे, लेकिन शव मिलने पर दोनों की टी-शर्ट गायब थी, जो अब तक नहीं मिली। इससे संदेह गहरा गया है कि बच्चों को कहीं और मारकर शव यहां फेंके गए।
कुछ लोगों ने बच्चों को बेहोश करके कहीं छिपाने और घेराबंदी के डर से बाद में गड्ढे में फेंक देने की आशंका भी जताई है। वहीं, कुछ ग्रामीणों ने तंत्र-मंत्र से जुड़ी आशंका भी जाहिर की है, जिस पर भी जांच की जा रही है।
प्रशासन गंभीर, सीसीटीवी और फोरेंसिक जांच जारी
एडीजी ने बताया कि सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है। घटना के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पोस्टमार्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट का विश्लेषण जारी है। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए हर बिंदु पर जांच हो रही है, और परिजनों व ग्रामीणों से लगातार संपर्क किया जा रहा है।