न्यूज़ चैनल की एचआर को फंसाकर धर्मांतरण, पुलिस ने दर्ज किया केस

मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र की एक युवती के अपहरण और धर्मांतरण के मामले में आखिरकार छह साल बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के आदेश पर तब हुई, जब पीड़िता के परिजनों ने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर युवती की सुरक्षा को लेकर गंभीर आशंका जताई और उसकी बरामदगी की मांग की।

पुलिस ने इस मामले में बदर अख्तर सिद्दीकी और उसके पिता महमूद अख्तर सिद्दीकी के खिलाफ युवती को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराने, अपहरण समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। आरोप है कि दोनों का संबंध एक ऐसे गिरोह से है जो प्रेमजाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराता है।

कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाली युवती कैसे फंसी जाल में

बताया जा रहा है कि युवती पढ़ी-लिखी और आत्मनिर्भर थी, और नोएडा के एक प्रतिष्ठित मीडिया हाउस में एचआर पद पर कार्यरत थी। शुरुआत में सबकुछ सामान्य था, लेकिन उसकी जिंदगी में मोड़ तब आया जब उसकी मुलाकात किदवईनगर, लिसाड़ी गेट निवासी बदर अख्तर सिद्दीकी से हुई। बदर ने खुद को जिम ट्रेनर बताया और धीरे-धीरे युवती को अपने प्रभाव में ले लिया।

परिजनों का कहना है कि बदर और उसके पिता महमूद अख्तर ने बीमा कराने के बहाने युवती से दस्तावेज लिए और बाद में बदर ने उसकी बहन को फुसलाकर निकाह कर लिया। यह निकाह परिवार की जानकारी और सहमति के बिना हुआ।

मारपीट और जान से मारने की धमकी

मई 2019 में युवती ने अपनी मां को फोन कर बताया कि बदर उसके साथ मारपीट करता है। उसने कांच की बोतल से सिर पर हमला भी किया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इस घटना की तस्वीरें युवती ने अपनी मां को व्हाट्सएप पर भेजी थीं। फोन पर हुई बातचीत को परिवार ने रिकॉर्ड कर लिया था।

22 दिसंबर 2019 को युवती के घर दो अजनबी पहुंचे, जिन्होंने खुद को फाइनेंस कंपनी का प्रतिनिधि बताया और बताया कि युवती ने नोएडा पते पर एलईडी और आईफोन खरीदा है, लेकिन किश्तें नहीं चुकाई जा रहीं। जब उस पते की जांच की गई तो पता चला कि युवती वहां नहीं रहती है।

पहले शिकायत नहीं सुनी गई थी, अब खुली फाइल

परिजनों का आरोप है कि वर्ष 2019 में सिविल लाइन थाने के तत्कालीन प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने शिकायत मिलने के बावजूद रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। इससे परिजन निराश हो गए थे और मामले की जांच अटक गई थी। अब एसएसपी डॉ. विपिन ताडा को पूरी जानकारी देने के बाद मामला फिर से खोला गया है।

छांगुर बाबा गिरोह से संबंध और पुराने मामले

बदर अख्तर सिद्दीकी का नाम अब एक बड़े धर्मांतरण गिरोह से भी जुड़ रहा है, जो छांगुर बाबा गिरोह के नाम से चर्चा में है। बदर पर आरोप है कि वह युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराता था। उसके खिलाफ 2019 में सरूरपुर थाने में एक अन्य युवती के अपहरण और धर्मांतरण के दो मामले पहले से दर्ज हैं। उन मामलों में भी पीड़ित परिवार अपनी बेटी की तलाश कर रहा है।

अब मेरठ पुलिस ने आरोपी बदर और उसके पिता की तलाश शुरू कर दी है। उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस और पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर को भी मामले से जुड़ी रिपोर्ट भेजी गई है।

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