मुजफ्फरनगर में आगामी 10 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और खाप नेता नरेश टिकैत ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा हमारी धार्मिक और सामाजिक परंपराओं का प्रतीक है, लेकिन आज इसमें दिखावा और शोर-शराबा इसकी असली भावना को प्रभावित कर रहा है।
टिकैत ने डाक कांवड़ और डीजे कांवड़ पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि तेज आवाज, भारी लाइटें और बड़े डीजे वाहन न केवल आम जनता के लिए परेशानी का कारण बनते हैं, बल्कि इससे कई दुर्घटनाएं भी होती हैं। उन्होंने भड़काऊ गीतों को यात्रा के माहौल के लिए हानिकारक बताया और आवाज, लाइट की सीमा तय करने पर जोर दिया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कांवड़ यात्रा में कोई भी सांप्रदायिक रंग नहीं होना चाहिए और यह यात्रा सादगी, श्रद्धा व सेवा की मिसाल होनी चाहिए। टिकैत ने झगड़ा करने वाले कांवड़ यात्रियों को कांवड़ यात्रा की आत्मा से दूर बताया।
उन्होंने सभी धर्मों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि जैसे मुस्लिम समाज के लोग कांवड़ यात्रियों की सेवा करते हैं, वैसे ही हर वर्ग को इसका हिस्सा बनना चाहिए। उन्होंने विवादित बयान देने वाले यशवीर महाराज के मुद्दे को तूल न देने की सलाह दी।
टिकैत ने बिना प्रमाण के लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा कि समाज में नकारात्मकता फैलाने से बचना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से भी आग्रह किया कि कांवड़ यात्रा के सभी मार्गों पर नियमों का सख्ती से पालन कराते हुए इसे शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाया जाए।
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