मुजफ्फरनगर। दहेज के लिए सात माह की गर्भवती पत्नी की हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी पति को 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 56 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 50 हजार रुपये पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे।
डीजीसी राजीव शर्मा और एडीजीसी अमित त्यागी ने बताया कि मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव बेगराजपुर निवासी मृतका तबस्सुम की शादी वर्ष 2015 में भौराकलां क्षेत्र के शिकारपुर गांव के आस मोहम्मद से हुई थी। वर्ष 2020 में तबस्सुम की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। ससुराल पक्ष ने इसे कोरोना से मौत बताकर शव दफना दिया, लेकिन मायके वालों ने हत्या का आरोप लगाया।
पुलिस ने शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम कराया, जिसमें खुलासा हुआ कि तबस्सुम सात माह की गर्भवती थी और उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। ससुराल पक्ष कोरोना रिपोर्ट भी नहीं दिखा पाया। जांच के बाद पति आस मोहम्मद समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ।
सुनवाई के दौरान पर्याप्त सबूत न मिलने पर सास और देवर को बरी कर दिया गया, जबकि चाची सास की पहले ही मौत हो चुकी थी। कोर्ट ने दोषी पति आस मोहम्मद को 10 साल की कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई।