लखनऊ। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने नए बिजली कनेक्शन जारी करने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं। अध्यक्ष ने कहा कि नए कनेक्शन अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ ही दिए जाएं और इस उद्देश्य के लिए विशेष टीम बनाई जाए। सभी मुख्य अभियंता (वितरण) को प्रतिदिन और निदेशक (वाणिज्य) को साप्ताहिक रूप से इसकी समीक्षा करने का निर्देश भी दिया गया है।
अध्यक्ष ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि कनेक्शन जारी करने में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जहां पर शिकायत मिले, वहां जांच कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देरी किस स्तर पर हुई।
स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता पर उठे सवाल
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि नए कनेक्शन के लिए तेजी से प्रक्रिया अपनाई जा रही है, लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर की अनिवार्यता बरकरार रखने का निर्णय उपभोक्ता अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने मांग की कि बिना किसी पूर्व निर्धारित मूल्य या विकल्प के मीटर थोपने की प्रक्रिया तुरंत रोकी जाए।
फ्रेंचाइजी के जरिए निजीकरण की योजना
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि अधिक राजस्व वाले शहरों में वितरण क्षेत्र को फ्रेंचाइजी के माध्यम से निजी घरानों को सौंपने की योजना तैयार की जा रही है। समिति ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि यह निजीकरण को बढ़ावा देगा।
उन्होंने बताया कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण को लेकर पिछले 10 माह से आंदोलन जारी है। इसके अलावा, केस्को, अलीगढ़, मेरठ, बरेली, लेसा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा और सहारनपुर के वितरण क्षेत्र में वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग प्रस्ताव को निदेशक मंडल ने मंजूरी दे दी है। इससे केस्को में 325, मेरठ में 487, बरेली में 372 और लेसा में 2055 पद घट जाएंगे।