हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रणौत के खिलाफ दायर रिवीजन मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए लोकेश कुमार ने रिवीजन स्वीकार करते हुए 6 मई 2025 को परिवाद में पारित आदेश को रद्द कर दिया। अदालत ने अवर न्यायालय को निर्देश दिए हैं कि बीएनएसएस की धारा 225 के तहत प्रक्रिया पूरी करने के बाद मामले की पुनः सुनवाई करें। अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।

राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को कंगना रणौत के खिलाफ अदालत में मामला दायर किया था। वादी ने आरोप लगाया था कि 26 अगस्त 2024 को सांसद कंगना ने अपने बयान में किसानों का अपमान किया और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई। इसके अलावा उन पर महात्मा गांधी के प्रति अभद्र टिप्पणी करने का भी आरोप था।

अधीनस्थ न्यायालय ने 6 मई 2025 को परिवाद खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ वादी पक्ष ने सत्र न्यायालय में रिवीजन दायर किया। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अधीनस्थ न्यायालय ने धारा 225 (1) बीएनएसएस के प्रावधानों को नजरअंदाज किया था, जिसके कारण रिवीजन स्वीकार कर आदेश रद्द कर दिया गया। पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों ने बहस की थी और अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।