प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अयोध्या पहुंचे, जहाँ वे राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ‘धर्म ध्वज’ फहराने के विशेष आयोजन में शामिल होंगे। एयरपोर्ट से उनके आगमन के बाद सेना के हेलिकॉप्टर से उन्हें साकेत कॉलेज लाया गया। इसके बाद वे लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबे रोड शो के लिए रवाना हुए। रास्ते में स्कूली बच्चों ने काफिले पर पुष्पवर्षा की और श्रद्धालु ‘जय श्री राम’ के जयकारे लगाते रहे। पूरे मार्ग पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और लोग इस ऐतिहासिक क्षण को अपने कैमरों में सहेजते दिखाई दे रहे हैं।

शहर को इस मौके पर लगभग 1,000 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। राम मंदिर के शिखर पर लगने वाली ‘धर्म ध्वजा’ को विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसे ऐसा बनाया गया है कि तेज़ तूफ़ानों में भी ध्वज की संरचना सुरक्षित रहे और हवा बदलने पर झंडा बिना उलझे स्वयं दिशा बदल सके। झंडे के दंड पर 21 किलो सोने की परत चढ़ाई गई है, और इसकी ऊँचाई इतनी है कि यह करीब 4 किलोमीटर दूर से दिखाई देगा।

प्रधानमंत्री मोदी राम जन्मभूमि मंदिर के 191 फुट ऊँचे शिखर पर पवित्र भगवा ध्वज फहराएँगे। इस ‘धर्म ध्वज’ पर तीन अहम प्रतीक अंकित हैं—‘ॐ’, सूर्य और कोविदारा वृक्ष—जो सनातन परंपरा में गहरे आध्यात्मिक महत्व रखते हैं। कोविदारा वृक्ष को ऋषि कश्यप द्वारा विकसित एक विशिष्ट वनस्पति माना जाता है, जबकि सूर्य भगवान राम के सूर्यवंश का प्रतीक है। ‘ॐ’ सार्वभौमिक आध्यात्मिक शक्ति का स्वरूप दर्शाता है। यह ध्वजारोहण श्रीराम और माता सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त में किया जाएगा।

मुख्य कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री सप्तमंदिर परिसर में दर्शन करेंगे, जिसमें महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से जुड़े मंदिर स्थित हैं। इसके बाद वे शेषावतार मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर में भी पूजा-अर्चना करेंगे।

प्रधानमंत्री राम दरबार गर्भगृह में दर्शन के बाद राम लला गर्भगृह में आराधना करेंगे। इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी उपस्थित रहेंगे।