प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण समारोह का हिस्सा बनने का अनुभव साझा करते हुए इसे अत्यंत भावविभोर पल बताया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि यह शुभ मुहूर्त भारतीय सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय एकता के नए अध्याय का उद्घोष है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर का गौरवशाली ध्वज विकसित भारत के नवजागरण की प्रतीक है और यह नीति, न्याय और सुशासन का मार्गदर्शन करता रहे। उन्होंने भगवान श्री राम से कामना की कि यह ध्वज हमेशा आरोहित रहे।

समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आज अयोध्या नगरी सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष बिंदु की साक्षी बन रही है। सदियों के घाव भर रहे हैं, सदियों की वेदना विराम पा रही है और सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। संपूर्ण भारत और विश्व आज राममय है और हर राम भक्त के हृदय में अपार आनंद है।"

ध्वजारोहण समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे। 18 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी धर्मध्वजा फहराने के बाद प्रधानमंत्री मंच पर आए और जनता के जयघोष का उत्तर "सियाराम की जय" के साथ दिया।

32 मिनट के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने सामाजिक समरसता और सहभागिता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह यज्ञ, जिसकी पवित्र अग्नि 500 वर्षों तक प्रज्वलित रही, अब अपनी पूर्णाहुति पर पहुंचा है। उनका मानना है कि यह धर्मध्वजा भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक है और देशवासियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।