प्रयागराज। Allahabad High Court ने मोहाना थाना क्षेत्र की ग्राम प्रधान जान्हवी मणि त्रिपाठी के खिलाफ सीजेएम सिद्धार्थनगर की अदालत में चल रही आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया है। मामले में याचिका पर वोटर लिस्ट में 42 नाम जोड़ने और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे।
न्यायमूर्ति पदम नारायण मिश्र ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव की मतदाता सूची सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी की गई थी और उसकी तैयारी में ग्राम प्रधान की कोई भूमिका नहीं थी। हारे हुए प्रत्याशी लोकेश्वर त्रिपाठी के बयान के आधार पर जान्हवी को भी आरोपित किया गया था, जबकि वोटर लिस्ट बनाना चुनाव अधिकारी का काम था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याची के खिलाफ आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है।
मोहाना थाना, महराजगंज में भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468 और 113(6)(2) जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें ग्राम विकास अधिकारी, खंड विकास अधिकारी और अपर खंड विकास अधिकारी को आरोपित बनाया गया था। पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें लिपिक बालकृष्ण और जान्हवी त्रिपाठी को भी आरोपित किया गया।
कोर्ट ने कहा कि यह मामला कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। हारे हुए प्रत्याशी के बयान के आधार पर जान्हवी को आपराधिक केस में फंसाया गया, जबकि उसके खिलाफ अपराध में शामिल होने का कोई ठोस सबूत नहीं था।