नववर्ष के अवसर पर राधारानी मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कस्बे में विशेष रूट प्लान लागू किया है। यातायात सुचारू रखने और भक्तों को बिना असुविधा के दर्शन कराने के उद्देश्य से यह व्यवस्था आज से शुरू होकर 5 जनवरी तक प्रभावी रहेगी।

नई योजना के तहत कस्बे के भीतर वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी। गोवर्धन पुल से कोसी पुल तक पूरे मार्ग को वनवे घोषित किया गया है। कोसी और छाता की दिशा से आने वाले वाहन गोवर्धन ड्रेन मार्ग से तय दिशा में आगे बढ़ेंगे, जबकि नाला बाईपास के जरिए वाहनों की निकासी कराई जाएगी। इससे कस्बे के अंदर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और पैदल श्रद्धालुओं की आवाजाही सुरक्षित बनी रहेगी।

प्रशासन ने बसों और भारी वाहनों के लिए भी अलग व्यवस्था तय की है। कोसी और छाता की ओर से आने वाली सभी बसें राणा वाली प्याऊ पर ही रोकी जाएंगी। वहीं गोवर्धन की दिशा से आने वाली बसों को गोवर्धन ड्रेन से पहले निर्धारित पार्किंग स्थल में खड़ा कराया जाएगा। कस्बे के भीतर किसी भी बस या भारी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।

दर्शन व्यवस्था को भी वनवे रखा गया है। श्रद्धालुओं का प्रवेश राधारानी मंदिर में केवल पुरानी सीढ़ियों से होगा, जबकि दर्शन के बाद निकासी जयपुर मंदिर गेट से कराई जाएगी। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में एकतरफा व्यवस्था लागू रहेगी, ताकि कतारें लगातार आगे बढ़ती रहें और अव्यवस्था न हो।

सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की निगरानी सीओ गोवर्धन के नेतृत्व में की जा रही है। इसके लिए पांच इंस्पेक्टर और करीब 70 पुलिसकर्मी पार्किंग स्थलों, प्रमुख मार्गों और मंदिर परिसर में तैनात रहेंगे।

एसपी देहात सुरेश चंद रावत ने बताया कि यह पूरी व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। वहीं राधारानी मंदिर के रिसीवर सुशील गोस्वामी ने भक्तों से अपील की है कि वे दर्शन के लिए आते समय अपने कीमती सामान, जूते और चप्पल वाहन में ही छोड़ें, ताकि परिसर में भीड़ न बढ़े और सभी श्रद्धालु सहजता से दर्शन कर सकें।