लखनऊ: आधुनिक भारत के शिल्पकार और देश के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके अद्वितीय योगदान को याद किया। सीएम ने पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके जीवन, नेतृत्व और स्थायी विरासत पर प्रकाश डाला।
सीएम योगी ने बताया कि 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसद में जन्मे सरदार पटेल ने शिक्षा केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि देश सेवा के लिए प्राप्त की। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई बार जेल की यातनाएँ सहने के बावजूद उन्होंने देश की आज़ादी और एकता के लिए कभी समझौता नहीं किया।
सरदार पटेल के निर्णायक नेतृत्व के चलते स्वतंत्रता के बाद 567 रियासतों को भारत गणराज्य में शामिल किया गया। सीएम योगी ने बताया कि जूनागढ़ और हैदराबाद जैसी रियासतों का भारत में शामिल होना उनके कुशल राजनयिक कौशल का परिणाम था, जिससे देश एकजुट और अखंड बना।
जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में सीएम ने कहा कि पं. नेहरू के समय असमंजस की स्थिति थी, लेकिन सरदार पटेल के दृष्टिकोण ने एक मजबूत और एकीकृत भारत की नींव रखी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी की, जिन्होंने धारा 370 को समाप्त कर सरदार पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार किया।
गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल के योगदान में सोमनाथ मंदिर का पुनरुद्धार, प्रशासनिक तंत्र का सुदृढ़ीकरण और राष्ट्रीय विवादों का समाधान शामिल था, जिसने देश की शासन प्रणाली को मजबूत किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, उमेश द्विवेदी, विधायक ओपी श्रीवास्तव, आशीष सिंह ‘आशु’, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी और सरदार पटेल स्मृति समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी पटेल उपस्थित रहे।
सीएम योगी ने कहा कि भारत हमेशा लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को याद रखेगा, जिनकी देशभक्ति और समर्पण भारत के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।