लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान मतदाताओं की संख्या में करीब चार करोड़ की कमी का दावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है, जिसे लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को तीखा तंज कसा। यादव ने कहा कि सीएम योगी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि इस चार करोड़ मतदाताओं में से 85-90 प्रतिशत बीजेपी के वोटर हैं।
अखिलेश यादव ने बताया कि SIR के दौरान यदि इतने बीजेपी समर्थक मतदाता सूची से बाहर हो गए हैं, तो इसका मतलब यह हुआ कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हर सीट पर औसतन 84 हजार वोटों का नुकसान होगा। उन्होंने कहा, "इस गणित के हिसाब से बीजेपी 2027 में चुनावी रेस से बाहर हो सकती है, जबकि पीडीए की जीत की संभावना मजबूत होगी।"
चार करोड़ मतदाता घटे, सीएम योगी का दावा
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर नागरिक का नाम मतदाता सूची में होना चाहिए, जिससे कुल मतदाता संख्या 16 करोड़ तक हो। लेकिन SIR के बाद सूची में केवल 12 करोड़ नाम दर्ज हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे हर बूथ पर पात्र मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए घर-घर जाकर सक्रिय भूमिका निभाएं।
अखिलेश का तंज और सियासी गणित
अखिलेश यादव ने कहा कि यह स्थिति भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगी और इससे पीडीए के लिए चुनावी रणनीति मजबूत होगी। उन्होंने चुनाव आयोग की प्रक्रिया और दो हफ्ते की समय सीमा का भी जिक्र किया, जिसे कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए उपयोग करने की सलाह दी।
सियासी बयानबाजी और भविष्य
इस मामले को लेकर अब दोनों पक्षों के बीच सियासी बयानबाजी तेज होने की संभावना है। विपक्ष के अनुसार, यह मतदाता सूची का अंतर भाजपा के नुकसान में तब्दील हो सकता है, जबकि भाजपा का दावा है कि कार्यकर्ता इसे सही कर सकते हैं और चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरेंगे।