मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करे, जिसमें शिक्षकों के लिए TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) को अनिवार्य बताया गया है। सीएम का कहना है कि प्रदेश के शिक्षक लंबे अनुभव और समय-समय पर सरकार द्वारा दी गई ट्रेनिंग से योग्य साबित हुए हैं। ऐसे में उनकी वर्षों की सेवा और दक्षता को नज़रअंदाज़ करना उचित नहीं है।
योगी सरकार के इस फैसले का उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने स्वागत किया है। फेडरेशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री का कदम शिक्षक हित में है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विभाग को पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से पहले एनसीटीई से यह स्पष्ट करना चाहिए कि आरटीई-2009 की धारा 23(2) में किया गया संशोधन, आरटीई लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों पर लागू नहीं होता।