हमीरपुर। विवादित बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपना जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को मंगलवार को अजनर क्षेत्र में युवाओं ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया।
स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों बुंदेलखंड में संविधान समाज और जनहित हुंकार यात्रा निकाल रहे हैं। यात्रा के दौरान रविवार को बांदा में उनके द्वारा देवी-देवताओं पर दिया गया विवादित बयान आसपास के क्षेत्रों में नाराजगी का कारण बना। इससे पहले हमीरपुर में भी कुछ युवाओं ने उनके काफिले का विरोध किया था।
मंगलवार को तुलादान कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अजनर जा रहे मौर्य के काफिले को बस स्टैंड के पास युवाओं ने रोककर काले झंडे दिखाए और नारेबाजी की। विरोध के बाद उनका काफिला मध्यप्रदेश की ओर रवाना हो गया।
इससे पहले बेलाताल में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा और वर्तमान सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार संविधान को कमजोर करने का प्रयास कर रही है और युवाओं, किसानों व आम जनता को परेशान किया जा रहा है। मौर्य ने आरोप लगाया कि सरकार निजीकरण के माध्यम से पूंजीपतियों को लाभ पहुँचा रही है और दलित, अल्पसंख्यक और शोषित वर्ग का शोषण हो रहा है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापार और मंदिर-मस्जिद जैसे धार्मिक मुद्दों को उछालकर विकास से ध्यान हटाने का आरोप भी लगाया।
देवी-देवताओं पर विवादित बयान
रविवार को बांदा में मौर्य ने देवी-देवताओं की शक्लों और संख्या पर विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि किसी धर्म में चार या दस हाथ वाले देवता कैसे हो सकते हैं। साथ ही, उन्होंने बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की। मौर्य ने यह भी कहा कि देश को बांटने वालों को सुरक्षा और प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने बिहार चुनाव में एनडीए की जीत पर भी सवाल उठाते हुए इसे जनमत की बजाय ईवीएम तंत्र की जीत बताया।
इस तरह स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान और गतिविधियों ने बुंदेलखंड में राजनीतिक और सामाजिक रूप से नया विवाद खड़ा कर दिया है।