उत्तरकाशी। जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने की तीन घटनाओं के बाद खीर गंगा नदी में अचानक आए सैलाब ने व्यापक तबाही मचाई। तेज बहाव और मलबे की चपेट में आकर कई लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई अब भी लापता बताए जा रहे हैं। सैलाब के कारण कई मकान, होटल और सैन्य कैंप क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गंगोत्री हाईवे पर भी आवाजाही ठप हो गई है।
सैन्य कैंप प्रभावित, 9 जवानों की तलाश जारी
सैलाब के चलते आर्मी कैंप का एक हिस्सा मलबे में दब गया, जिससे वहां तैनात 11 जवानों के लापता होने की सूचना है। सेना की ओर से 2 जवानों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि शेष 9 की खोजबीन जारी है। देहरादून में डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है।
बचाव कार्य में जुटी सेना, 20 लोगों को बचाया गया
सेना के प्रवक्ता के अनुसार, लगभग 150 जवान राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। अब तक 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। प्रभावित क्षेत्र में अतिरिक्त बलों को भेजा जा रहा है ताकि बचाव कार्य में तेजी लाई जा सके।
सैलाब से आधा गांव मलबे में दबा, होटल-घरों को नुकसान
खीर गंगा के उफान से धराली गांव का बड़ा हिस्सा मलबे और कीचड़ में दब गया। यह स्थान गंगोत्री यात्रा मार्ग पर एक प्रमुख पड़ाव है। यहां कई होटल और होम स्टे भी थे, जो सैलाब की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए। कई तीन-चार मंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं।
हर्षिल हेलीपैड बना झील, आर्मी कैंप पर मंडरा रहा खतरा
हर्षिल हेलीपैड के पास भारी मलबा जमा हो गया है, जिससे एक अस्थायी झील बन गई है। पास ही स्थित सेना का कैंप भी खतरे की जद में आ गया है। नदी किनारे बसे लोग सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिए गए हैं।
भागीरथी नदी भी उफान पर, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
बारिश के चलते भागीरथी नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया है। प्रशासन ने उत्तरकाशी से लेकर डुंडा और भटवाड़ी तक नदी किनारे बसे गांवों को सतर्क रहने का निर्देश जारी किया है।
राहत कार्य में बाधा बनीं बंद सड़कें और खराब मौसम
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे राहत टीमें समय पर मौके पर नहीं पहुंच सकीं। हालांकि हर्षिल में मौजूद सेना की टीम ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।