लखनऊ। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की 157वीं पासिंग आउट परेड शनिवार को ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में आयोजित की गई, जिसमें थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने नव-नियुक्त अधिकारियों को आधुनिक युद्ध के बदलते आयामों में नेतृत्व और जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित किया।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि आधुनिक युद्ध अब केवल सैन्य क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा; इसमें तकनीकी, कूटनीतिक और सामाजिक पहलुओं का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने नव-नियुक्त अधिकारियों से विवेकपूर्ण निर्णय, अनुकूलन क्षमता और उच्च नैतिक मूल्यों के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि अकादमी में बने आपसी संबंध भविष्य में देश के रक्षा सहयोग को मजबूत करने में सहायक होंगे।
थलसेना प्रमुख ने कैडेट्स को याद दिलाया कि जीवन और भौतिक सुख क्षणिक हैं, जबकि धर्म और कर्तव्य शाश्वत हैं। उन्होंने सम्मान, निष्ठा और साहस के साथ सैनिकों का मार्गदर्शन करने और प्रेरणास्रोत बनने की जिम्मेदारी पर जोर दिया।
इस परेड में 525 युवा अधिकारियों ने अंतिम पग भरते हुए भारतीय सेना में अपनी सेवाएं शुरू की। साथ ही मित्र राष्ट्रों के 34 जेंटलमैन कैडेट्स ने भी पासआउट किया। परेड के दौरान प्रस्तुत कविता “हे भारत के वीर, जगो मैं तुम्हें जगाने आया हूं...” ने अफसरों, कैडेट्स और उनके परिजनों में जोश भर दिया। कार्यक्रम में आईएमए के इतिहास और यहां से निकले अफसरों के शौर्य पर भी प्रकाश डाला गया।