उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि रामपुर तिराहा शहीद स्मारक स्थल का पुनर्विकास सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने यह भी बताया कि स्मारक स्थल के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें संग्रहालय को आधुनिक और व्यवस्थित बनाया जाएगा। इसके साथ ही शहीद स्थल पर एक कैंटीन भी स्थापित की जाएगी ताकि पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा हो सके।

सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। लैंड, लव और थूक जिहाद के खिलाफ कड़े कानून बनाए गए हैं, जिनमें दंगा विरोधी प्रावधान भी शामिल हैं। इसके तहत अब तक नौ हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि खाली करवाई जा चुकी है।

गुरुवार को रामपुर तिराहा शहीद स्मारक पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने भूमि दानदाता महावीर शर्मा की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने 1 और 2 अक्टूबर 1994 की रात की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस वक्त तत्कालीन सपा सरकार के निर्देश पर पुलिस ने आंदोलनकारियों पर बेरहमी से कार्रवाई की थी। उस दिन सात आंदोलनकारी शहीद हुए, साथ ही कई महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार हुआ था।

सीएम ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान की भूमिका की सराहना करते हुए बताया कि उन्होंने इस मामले में न्याय दिलाने के लिए कड़ी कार्रवाई कराई और दोषियों को अदालतों से सजा दिलाई।

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के निर्माण में शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने मदरसा बोर्ड को समाप्त कर दिया है और बताया कि 1 जुलाई 2026 से सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम मदरसों में पढ़ाने की अनुमति होगी। इसके अलावा राज्य में 250 से अधिक अवैध मदरसे बंद कर दिए गए हैं।

उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की बात कही और बताया कि पिछले तीन वर्षों में 200 से अधिक अधिकारियों को जेल भेजा गया है, जिनमें आईएएस और पीसीएस अधिकारी भी शामिल हैं।

इस अवसर पर उत्तराखंड के लोक निर्माण और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, रुड़की से विधायक प्रदीप बत्रा, कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान भी मौजूद थे।