उत्तराखंड के चंपावत निवासी वीर चक्र विजेता कैप्टन (सेवानिवृत्त) करम सिंह सामंत का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने 10 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार पंचेश्वर घाट पर हुआ। उनके पूर्व सैनिक बेटे लक्ष्मण सिंह सामंत ने चिता को मुखाग्रि दी।

सैन्य सम्मान के साथ नहीं हो सका अंतिम संस्कार

समय पर जानकारी नहीं लगने के कारण उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई नहीं दी जा सकी। अलबत्ता आठ कुमाऊं पिथौरागढ़ के कमाइंडिंग अफसर कर्नल कृष्णा थापा और नायब सूबेदार प्रकाश चंद्र शर्मा ने उनके लोहाघाट स्थित आवास पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।      
    

भारत-पाक युद्ध में दिखाया था पराक्रम

कैप्टन सामंत ने मैनइटर्स बटालियन की ओर से 1947 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में बड़गाम में असाधारणा वीरता का प्रदर्शन किया था। इस बहादुरी के लिए उन्हें 1950 में वीरचक्र के सम्मान से नवाजा गया। मूल रूप से लोहाघाट ब्लॉक के निडिल गांव में पहली नवंबर 1923 को जन्में कैप्टन करम सिंह नवंबर 1942 में सेना में शामिल हुए थे और नवंबर 1970 तक सेना में सेवा दी।