शेयर बाजार में कभी-कभी ऐसे स्टॉक्स देखने को मिलते हैं जो अचानक तेज़ी से ऊपर जाते हैं और फिर उतनी ही रफ्तार से गिर भी जाते हैं, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। Elcid Investments Ltd एक ऐसा ही शेयर है, जिसने कभी निवेशकों को कुछ घंटों में करोड़पति बना दिया था, लेकिन अब बीते 8 महीनों में इसमें 60% से ज्यादा की गिरावट देखी जा चुकी है।
100 रुपये से ₹2 लाख तक की उड़ान
Elcid Investments तब सुर्खियों में आया था जब इसका शेयर कुछ ही घंटों में ₹100 से सीधे ₹2 लाख तक पहुंच गया। उस समय इसने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया। लेकिन फिलहाल यह स्टॉक ₹77,902 के आसपास ट्रेड कर रहा है और लगातार दबाव में है।
शेयर की तेज़ी का कारण क्या था?
इस कंपनी की असली ताकत इसके निवेश पोर्टफोलियो में है। Elcid Investments के पास Asian Paints जैसी बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी है। वर्ष 2023 की शुरुआत में इसका प्रति शेयर बुक वैल्यू ₹6 लाख से अधिक आंका गया था, जबकि बाजार में इसका मूल्य कहीं कम था। इसी असंतुलन ने निवेशकों को आकर्षित किया और अचानक मांग बढ़ गई।
तेज़ गिरावट की वजह
तेज़ी के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी। साथ ही, इस स्टॉक की तरलता (liquidity) बेहद कम है क्योंकि 90% से अधिक हिस्सेदारी प्रमोटर समूह के पास है। बाजार में शेयरों की उपलब्धता सीमित होने के कारण वोल्यूम कम रहा और गिरावट भी उतनी ही तेज़ी से दर्ज की गई।
Delisting की अटकलें और पारदर्शिता की कमी
Elcid Investments बीएसई के SME प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध है और इसे लेकर डीलिस्टिंग की भी अटकलें लगती रही हैं। निवेशकों को समय पर स्पष्ट जानकारी न मिल पाना और पारदर्शिता की कमी भी चिंता का विषय रही है।
सबक क्या है?
इस मामले से एक अहम सीख मिलती है — केवल बुक वैल्यू या होल्डिंग वैल्यू के आधार पर निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है, खासकर उन शेयरों में जहां तरलता कम हो और कॉर्पोरेट गवर्नेंस मजबूत न हो। ऐसी परिस्थितियों में लाभ तो मिल सकता है, लेकिन घाटा कहीं अधिक और तेज़ी से हो सकता है।
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