सहारनपुर। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े माने जा रहे डॉ. आदिल की गिरफ्तारी और डॉ. परवेज अहमद अंसारी के सहारनपुर से संबंध उजागर होने के बाद जिला एक बार फिर जांच एजेंसियों के रडार पर है। तफ्तीश में मिल रहे लगातार सुराग इस ओर इशारा कर रहे हैं कि दिल्ली में हुए धमाके की कड़ियां सहारनपुर तक पहुंच सकती हैं। फिलहाल एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियों ने यहां डेरा डाल दिया है और जांच तेज कर दी है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 6 नवंबर को फेमस अस्पताल के चिकित्सक डॉ. आदिल को हिरासत में लिया था। शुरुआती पूछताछ में मामला साधारण लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, उसके नेटवर्क और आतंकी गतिविधियों से जुड़े गंभीर तथ्य सामने आते गए।
आदिल की पूछताछ से फरीदाबाद के डॉ. मुज़म्मिल अहमद की गिरफ्तारी हुई, जिनके ठिकाने से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए। इसके तुरंत बाद दिल्ली में कार ब्लास्ट हुआ और अब लखनऊ के डॉ. परवेज अहमद का नाम सामने आया है, जिनका सहारनपुर से पुराना रिश्ता रहा है।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. परवेज लखनऊ में पकड़ी गई डॉ. शाहीन का भाई है और 2021 तक सहारनपुर के देहरादून चौक पर अपना क्लीनिक चलाता था। इन सभी घटनाओं को जोड़ने पर सहारनपुर इस पूरी श्रृंखला का अहम केंद्र बिंदु बनता दिखाई दे रहा है। बुधवार को खुफिया टीमें देहरादून चौक पहुंचीं और स्थानीय लोगों से पूछताछ की, हालांकि उन्हें अभी कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी।
‘सनी’ की तलाश तेज- एजेंसी जुटा रही है सुराग
जांच में यह भी पता चला है कि डॉ. परवेज के क्लीनिक पर सनी नाम का युवक काम करता था। बताया जा रहा है कि उसी के माध्यम से परवेज ने 2021 में चकदेवली निवासी शोएब से एक ऑल्टो कार खरीदी थी। यही वाहन बाद में लखनऊ में डॉ. परवेज के घर से बरामद हुआ।
शोएब का कहना है कि उसने कार पैसों की जरूरत के चलते बेची थी और न तो परवेज को जानता था, न ही सनी से कोई संपर्क रखा। अब एजेंसियां सनी की तलाश में जुटी हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि डॉ. परवेज के संपर्क में और कौन लोग थे।
जांच में नया सवाल: परवेज ने ही क्या अदील को सहारनपुर भेजा था?
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि क्या डॉ. आदिल को सहारनपुर में स्थापित करने के पीछे डॉ. परवेज की भूमिका थी। 2021 तक परवेज यहीं सक्रिय थे, लेकिन अचानक उन्होंने अपना क्लीनिक बंद कर दिया। इसके तीन साल बाद, 2024 में, आदिल ने सहारनपुर के फेमस अस्पताल में काम शुरू किया।
इन घटनाओं के सिलसिलेवार जुड़ाव से एजेंसियां अब यह मानकर चल रही हैं कि नेटवर्क का एक बड़ा हिस्सा सहारनपुर से संचालित हो सकता है।