पंजाब कैबिनेट की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में सीएम आवास पर हुई। बैठक में कैबिनेट ने पंजाब के पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत पर भ्रष्टाचार मामले में केस चलाने की मंजूरी दी।
जानकारी के अनुसार, विजिलेंस ब्यूरो ने जून 2022 में धर्मसोत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जांच में सामने आया कि उन्होंने 1.67 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। पूर्व मंत्री पर प्रवर्तन मामलों के तहत पीएमएलए 2022 के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। कैबिनेट ने राज्यपाल को केस चलाने की सिफारिश भेज दी है।
बैठक में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के तहत कॉमन भूमि की समीक्षा कर अवैध कब्जों पर जुर्माना लगाने और राजस्व वसूली का निर्णय लिया गया। इस राशि का आधा हिस्सा पंचायतों और आधा नगरपालिका को जाएगा। पुराने रास्तों और पगडंडियों को नियमित किया जाएगा। जिन खालों को कमर्शियल बिल्डिंग या दुकान बनाने के लिए बेचा गया है, उनसे चार गुना जुर्माना वसूला जाएगा।
सिविल सप्लाई से जुड़े 1,688 मिलर्स को राहत देते हुए ओटीएस स्कीम की घोषणा की गई। इसके तहत बकाया राशि जमा करने पर मूल राशि पर ब्याज और पेनल्टी माफ होगी। वहीं, प्री-जीएसटी एरियर मामलों में भी ओटीएस योजना लागू की जाएगी, जिससे करीब 20 हजार व्यापारियों को लाभ होगा। यह योजना 31 दिसंबर तक लागू रहेगी।
उद्योग जगत के लिए राइट टू बिजनेस एक्ट में संशोधन किया गया। अब ग्रीन और ऑरेंज श्रेणी की इंडस्ट्री और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को 5 से 18 दिनों में अनुमति दी जाएगी।
कैबिनेट ने एनआईए मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए मोहाली में विशेष अदालत स्थापित करने का फैसला किया है, जिसमें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तैनात होंगे। साथ ही, जीएसटी स्लैब और कम्पंसेशन से जुड़े संशोधनों को भी मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को किसानों और प्रभावितों को मुआवजा जल्द जारी करने के निर्देश दिए।