मेरठ। जयपुर और गोंडा के बाद अब मेरठ में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य में लगे बीएलओ मोहित चौधरी (25) ने कथित उत्पीड़न से तंग आकर ज़हर खाकर खुदकुशी का प्रयास किया। हालत गंभीर होने पर उन्हें गढ़ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
परिजनों और रिश्तेदारों का आरोप है कि बूथ पर गणना प्रपत्र समय पर जमा न कर पाने पर सुपरवाइजर लगातार फोन कर रहे थे और निलंबन की धमकी दे रहे थे। इसी दबाव और तनाव के चलते मोहित ने यह कदम उठाया। घटना की जानकारी मिलते ही उनके परिवार, सहकर्मियों और कई बीएलओ ने अस्पताल परिसर में जमकर विरोध जताया और अधिकारियों के खिलाफ नाराज़गी जाहिर की।
मोहित चौधरी सिंचाई विभाग में लिपिक हैं। पिता की मौत के बाद उन्हें आश्रित कोटे में नौकरी मिली थी। इन दिनों एसआईआर अभियान के तहत उन्हें कैंट विधानसभा क्षेत्र में बीएलओ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मंगलवार को वे पल्लवपुरम के बूथ नंबर 18 पर गणना प्रपत्र भरने का कार्य कर रहे थे, तभी उन्होंने ज़हर खा लिया।
उनके रिश्तेदार अमित चौधरी के अनुसार, घटना से लगभग आधा घंटा पहले मोहित ने उन्हें फोन कर बताया था कि सुपरवाइजर लगातार कॉल कर दबाव बना रहे हैं और कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं। इससे वह काफी तनाव में थे। ज़हर खाने की खबर मिलते ही परिजन और रिश्तेदार तुरंत पल्लवपुरम पहुंचे।
पहले साथियों ने उन्हें पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से हालत गंभीर होने पर उन्हें लोकप्रिय अस्पताल रेफर कर दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही सिंचाई विभाग के कर्मचारी, अधिकारी और अन्य बीएलओ भी अस्पताल पहुंचे। उपस्थित लोगों ने आरोप लगाया कि एसआईआर अभियान में सबसे अधिक काम बीएलओ कर रहे हैं, लेकिन लापरवाही बताकर उन्हीं पर कार्रवाई की धमकी दी जा रही है, जिससे कर्मचारी मानसिक दबाव में हैं।
इस दौरान कई बीएलओ और परिजनों ने अस्पताल में ही अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रकट किया।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह ने कहा, बीएलओ द्वारा ज़हर खाने की जानकारी अभी प्राप्त हुई है। निर्वाचन आयोग ने गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि आठ दिन बढ़ा दी है, जिससे राहत मिलेगी। बीएलओ ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है, लेकिन यह देखना होगा कि दबाव कार्य से जुड़ा था या कोई व्यक्तिगत समस्या थी। मामले की जांच कराई जाएगी।