मुजफ्फरनगर। शहर में बढ़ती बंदरों की परेशानी से निपटने की ज़िम्मेदारी अब नगर पालिका से हटाकर वन विभाग को सौंप दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर आए आदेश के बाद शासन ने यह नया निर्देश जारी किया है। सरकार ने साफ किया है कि बंदर पालतू जीव नहीं, बल्कि वन्य प्राणी हैं, इसलिए उनकी देखरेख और पकड़ने का अधिकार वन विभाग के ही पास रहेगा।
गांधी कॉलोनी, नई मंडी, सरवट गेट और प्रेमपुरी जैसे इलाकों में बंदरों के झुंड रोजाना लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते रहे हैं। विशेष सचिव कल्याण बनर्जी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि नगर पालिका के कर्मचारियों को बंदर पकड़ने की विशेषज्ञता नहीं है, इसलिए मामला वन विभाग को हस्तांतरित किया गया है। नगर पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशों के अनुसार अब वन विभाग की भूमिका प्रमुख रहेगी और आदेशों को समय रहते लागू किया जाएगा।