मुजफ्फरनगर। पंचायत स्तर पर कराए गए विकास कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितता सामने आने के बाद डीएम उमेश मिश्रा ने जनपद के छह गांवों के पूर्व प्रधानों और तत्कालीन सचिवों को नोटिस जारी किया है। जांच में 33 लाख रुपये से अधिक की गड़बड़ी पाए जाने पर सभी को सात दिन के भीतर ग्राम पंचायत के खातों में राशि वापस जमा करने का आदेश दिया गया है। तय समय में राशि न लौटाने पर राजस्व वसूली की तरह कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
जिला प्रशासन के अनुसार, वर्ष 2018-19 में कराए गए ऑडिट के दौरान कई पंचायतों में विकास और निर्माण कार्यों के लिए निकाली गई धनराशि के समुचित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। ऑडिट टीम ने इसे गंभीर लापरवाही और वित्तीय अनियमितता माना।
जिला पंचायत राज अधिकारी रेनु श्रीवास्तव ने बताया कि पुरकाजी ब्लॉक के गांव शकरपुर के पूर्व प्रधान ओमवीर और सचिव सोहनवीर पर 4.38 लाख रुपये, जबकि धमात गांव की पूर्व प्रधान स्नेहलता और सचिव सोहनवीर पर 5.04 लाख रुपये की अनियमितता का आरोप है।
इसी क्रम में बरला गांव के तत्कालीन प्रधान बेबी त्यागी और सचिव विक्रांत पर 15.9 लाख रुपये की सबसे बड़ी गड़बड़ी दर्ज की गई है। बघरा क्षेत्र के साल्हाखेड़ी गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह और सचिव सिद्धार्थ राज पर 3.84 लाख रुपये, तथा शाहपुर ब्लॉक के शाहजुड्डी गांव के पूर्व प्रधान रोहित कुमार और पूर्व सचिव यज्ञदेव आर्य व शिवानंद पर भी 3.84 लाख रुपये के वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है।
रसूलपुर जाटान की पूर्व प्रधान सुनीता और सचिव कुलवंद चंद्रा को भी 5.13 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि सभी संबंधित व्यक्तियों को नोटिस भेजकर स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि सात दिनों के भीतर धनराशि जमा नहीं की गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए पूरी रकम भू-राजस्व की तरह वसूल की जाएगी।