सहारनपुर। दिल्ली में हाल ही में हुई आतंकी घटना के बाद अब जांच का फोकस सहारनपुर की ओर बढ़ गया है। विशेष रूप से देवबंद क्षेत्र, जो लंबे समय से कई आतंकी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल्स की पनाहगाह रहा है, अब जांच के केंद्र में है।
जानकारों के अनुसार, मसूद अजहर का संगठन जैश-ए-मोहम्मद देवबंद में सक्रिय रहा है। मसूद अजहर 1994 में देवबंद आ चुका था और उसके आने के बाद से क्षेत्र में संगठन की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई। वर्ष 1994 में ही जैश आतंकियों ने हापुड़ से तीन विदेशी नागरिकों का अपहरण किया था, ताकि जेल में बंद आतंकियों को रिहा कराया जा सके।
यूपी पुलिस के साथ एनकाउंटर और गिरफ्तारी
2001 में यूपी पुलिस ने लखनऊ में जैश आतंकियों का सामना किया। एसटीएफ ने गोमतीनगर में तीन आतंकियों सलीम उर्फ बाबर, राशिद उर्फ फैजान और सज्जाद उर्फ तलहा को ढेर कर दिया। उनके पास से आरडीएक्स, एके-47 और अन्य हथियार बरामद हुए। इसके बाद 2003 में मुजफ्फरनगर और नोएडा में अन्य जैश आतंकियों को गिरफ्तार या एनकाउंटर में ढेर किया गया।
5 जुलाई 2005 को अयोध्या के रामजन्मभूमि परिसर में भी जैश आतंकियों ने हमला करने की कोशिश की थी। हैंडग्रेनेड फेंकते हुए परिसर में घुसने का प्रयास करते हुए पांच आतंकियों को सीआरपीएफ जवानों ने मौके पर ही मार गिराया। इस हमले में सहारनपुर निवासी डॉ. इरफान और अन्य आतंकियों को गिरफ्तार किया गया।
देवबंद में युवा भर्ती और प्रशिक्षण
फरवरी 2019 में एटीएस ने देवबंद के खानकाह मोहल्ला स्थित नाज मंजिल छात्रावास से जैश से जुड़े दो कश्मीरी युवकों को गिरफ्तार किया। दोनों युवाओं को युवाओं की भर्ती और बम बनाने की ट्रेनिंग देने का आरोप था। एनआईए ने मामले की जांच की और पिछले वर्ष दोनों को सात साल की सजा सुनाई गई।
मसूद अजहर का देवबंद कनेक्शन
मसूद अजहर के देवबंद आने के दौरान दारुल उलूम और कासमी कब्रिस्तान का रुख किया गया था। उसके साथ दो कश्मीरी आतंकी भी थे। कुछ ही दिनों बाद उसे सेना ने श्रीनगर से गिरफ्तार किया। 1999 में विमान हाईजैक मामले में मसूद और अन्य आतंकियों को रिहा करना पड़ा था।
आतंकवादी गतिविधियों का निरंतर सिलसिला
2016 में दिल्ली पुलिस ने देवबंद से 12 संदिग्ध जैश आतंकियों को पकड़ा। नवंबर 2020 में बारामूला और कुपवाड़ा के दो जैश आतंकियों को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली थी। अगस्त 2022 में सहारनपुर से जैश आतंकियों नदीम और हबीबुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया। ये दोनों युवाओं का ब्रेनवॉश कर जिहाद के लिए तैयार कर रहे थे।
राज्यसभा सांसद एवं पूर्व डीजीपी बृजलाल ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद ने अयोध्या राम मंदिर, संसद भवन, पठानकोट एयरबेस, पहलगाम में सीआरपीएफ कैंप और हाल ही में पहलगाम में पर्यटकों पर हमले किए। देवबंद से जुड़े इस संगठन का मकसद कट्टरपंथी युवाओं को प्रशिक्षित कर अपनी आतंकवादी गतिविधियों को फैलाना है।