सहारनपुर। जिले में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री का बड़ा मामला प्रकाश में आया है। औषधि निरीक्षक की जांच में पता चला कि बेहट क्षेत्र के वीएस फार्मा के संचालक ने 15,450 शीशियां बिना किसी बिल या दस्तावेज के बेच दीं। यह कफ सिरप गाजियाबाद से खरीदा गया था। घटना सामने आने के बाद औषधि निरीक्षक ने बेहट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
प्रदेश में हाल के दिनों में कोडीन मिश्रित दवाओं को लेकर सख्त जांच अभियान चल रहा है। इसी क्रम में 18 नवंबर 2025 को दाउदपुरा गांव में स्थित मेसर्स वीएस फार्मा का निरीक्षण किया गया। जांच के दौरान दुकान पर न तो किसी तरह की बिक्री चलती मिली और न ही दवाओं का कोई स्टॉक पाया गया। उस समय दुकान मालिक पंकज शर्मा मौजूद नहीं थे, जबकि उनके माता-पिता मौके पर मिले।
निरीक्षण टीम ने पंकज शर्मा को फोन कर जानकारी ली, जिसमें उन्होंने कोडीन कफ सिरप खरीदने की बात स्वीकार की। इसके बाद उन्हें नोटिस जारी करते हुए खरीद-बिक्री का पूरा रिकॉर्ड प्रस्तुत करने को कहा गया, लेकिन वे कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सके। रिकॉर्ड न मिलने पर औषधि निरीक्षक को मामले पर संदेह गहराता गया।
आगे की जांच में यह तथ्य सामने आया कि वीएस फार्मा ने कैडीज लाइफसाइंस, साहिबाबाद (गाजियाबाद) से 15,450 शीशियां विभिन्न बैच नंबरों में कोडीन युक्त कफ सिरप मंगवाई थीं। दस्तावेजों की अनुपस्थिति को देखते हुए औषधि निरीक्षक ने पंकज शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है।
उत्तराखंड और हरियाणा में हुई थी सप्लाई
विभागीय जांच से यह भी पता चला कि वीएस फार्मा के पास होलसेल ड्रग लाइसेंस है और इसी के माध्यम से कोडीन कफ सिरप की सप्लाई उत्तराखंड और हरियाणा के कई जिलों में की गई। संचालक द्वारा बिक्री बिल, स्टॉक रजिस्टर और अन्य अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए, जबकि कोडीन नारकोटिक श्रेणी की दवा है, जिसे केवल चिकित्सकीय पर्चे पर ही बेचा जा सकता है।
पहले भी निरस्त हो चुका है लाइसेंस
कोडीन सिरप के रिकॉर्ड न देने पर इससे पहले खान मार्केट स्थित एक एजेंसी का लाइसेंस रद्द किया जा चुका है। उसी मामले में लखनऊ एसटीएफ ने छापेमारी कर दो भाइयों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से जिले में लगातार निगरानी और जांच का दौर जारी है।