शामली जिले में कुछ युवतियों ने ऐसे मामलों की शिकायत की है, जिसमें युवक शादी से पहले अपने पेशे और पहचान को गलत बताकर प्रेम जाल में फंसा रहे हैं। युवक खुद को इंजीनियर, डॉक्टर या अध्यापक बताकर शादी कराते हैं, लेकिन विवाह के बाद उनके असली पेशे जैसे किसान, ड्राइवर या प्राइवेट कंपाउंडर होने का खुलासा होता है। जिले के वन स्टॉप सेंटर में इस तरह के पाँच मामले सामने आए हैं।

अधिकारी कर रहे काउंसिलिंग

वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी गजाला त्यागी ने बताया कि अधिकांश शिकायतें प्रेम विवाह से जुड़ी हैं, जिसमें युवक पहचान छिपाकर शादी करते हैं। उन्होंने सभी को सावधान रहने की अपील की और कहा कि किसी से शादी करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल अवश्य करें। बिना परिजनों की अनुमति से शादी न करें। सभी मामलों में अधिकारी काउंसिलिंग के माध्यम से समाधान और सुलह का प्रयास कर रहे हैं।

मामले का विवरण

केस 1:
सहारनपुर के बेहट निवासी सारिका ने छह महीने पहले शामली के एक युवक से प्रेम विवाह किया। युवक ने खुद को डॉक्टर बताया था, जबकि शादी के बाद पता चला कि वह केवल एक डॉक्टर के कंपाउंडर हैं। वन स्टॉप सेंटर अधिकारी दोनों के बीच सुलह कराने का प्रयास कर रहे हैं।

केस 2:
जलालाबाद की राधिका ने तीन अप्रैल को शादी की। उसके पति ने खुद को दिल्ली की कंपनी में इंजीनियर बताया था, लेकिन जांच में पता चला कि वह असल में किसान हैं। विरोध करने पर ससुराल पक्ष ने हिंसा की, जिसके बाद राधिका ने वन स्टॉप सेंटर में शिकायत दर्ज कराई।

केस 3:
कैराना की साजिदा ने तीन माह पहले प्रेम विवाह किया। शादी से पहले युवक ने खुद को प्राइवेट स्कूल का अध्यापक बताया, जबकि असल में वह अस्थायी काम करता है और कभी-कभी खेतों में मजदूरी करता है। विरोध करने पर ससुराल पक्ष ने मारपीट की।

केस 4:
शामली की अंजलि ने भी अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि युवक ने शादी से पहले खुद को इंजीनियर बताया, जबकि वह असल में कंपनी में कार चालक हैं।

वन स्टॉप सेंटर अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में समय रहते काउंसिलिंग कर विवाद सुलझाने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों ने युवतियों और उनके परिवारों से कहा है कि शादी से पहले पूरी जानकारी और पहचान की पुष्टि करें।