फिरोजाबाद में सपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने इटावा में हुई घटना को लेकर कहा कि यह विवाद जातियों के बीच नहीं, बल्कि विचारधाराओं की टकराहट का परिणाम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भागवत कथा को लेकर कुछ लोगों में यह भ्रम है कि इस पर किसी एक वर्ग का विशेष अधिकार है।
सोमवार को सैलई क्षेत्र में आयोजित पीडीए जनचौपाल में भाग लेने पहुंचे सपा सांसद ने कहा कि वेद और शास्त्रों का ज्ञान रखने वाला कोई भी व्यक्ति पंडित हो सकता है, चाहे वह दलित हो या पिछड़ा। धार्मिक कथाओं के वाचन का अधिकार सभी को है और इसे किसी की पारंपरिक संपत्ति मानना एक बड़ी भ्रांति है।
सुमन ने कहा कि इस प्रकार के मुद्दों को आधार बनाकर सामाजिक तनाव पैदा करना अनुचित है। समाजवादी पार्टी हमेशा सिध्दांत और मूल्यों की राजनीति करती आई है। उन्होंने दोहराया कि दलितों और पिछड़े वर्गों को सम्मान मिलना चाहिए और यदि कोई उनका विरोध करता है, तो उसका प्रतिकार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग शोषितों पर अत्याचार कर रहे हैं, उन्हें जनता आगामी समय में ज़रूर जवाब देगी।
बिहार में सपा के चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि इसका निर्णय संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। आज़म खां की पत्नी के बयान पर टिप्पणी करने से बचते हुए उन्होंने कहा कि उनके बेटे के बयान को देखें—साफ़ है कि सपा ने जो सहायता की, वैसी किसी और ने नहीं की। प्रयागराज में सांसद चंद्रशेखर को नजरबंद किए जाने के प्रश्न पर उन्होंने इसे संबंधित पार्टी का मामला बताते हुए टिप्पणी नहीं की।
कार्यक्रम में सपा जिलाध्यक्ष शिवराज सिंह यादव, पूर्व विधायक अजीम भाई, योगेश गर्ग, मुकेश कुमार टीटू समेत अन्य पार्टी नेता उपस्थित रहे। इस अवसर पर रामजीलाल सुमन का चांदी का मुकुट पहनाकर अभिनंदन भी किया गया।
Read News: जहरीली तस्करी का खुलासा: विदेशी यात्री के बैग से निकले 16 जिंदा सांप