आरबीआई के ताजातरीन आंकड़े यह दर्शाते हैं कि भारत में राज्यों के बीच आर्थिक असमानता अब भी कम नहीं हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक की ‘भारतीय राज्यों पर सांख्यिकी हैंडबुक 2024-25’ के अनुसार अमीर राज्य तेजी से अमीर हो रहे हैं, जबकि गरीब राज्य पिछड़ते जा रहे हैं।

कौन से राज्य हैं सबसे आगे?
हैंडबुक में प्रति व्यक्ति शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद (NSDP) के आंकड़े दिखाते हैं कि गोवा, सिक्किम और तेलंगाना जैसे राज्य देश के शीर्ष राज्यों में हैं। गोवा में प्रति व्यक्ति आय 5 लाख रुपये के पार पहुंच गई है। सिक्किम भी फार्मा और पर्यटन सेक्टर की ताकत के दम पर उच्चतम स्तर पर बना हुआ है। तेलंगाना ने भी दक्षिण भारत में तेजी से बढ़त बनाई है और प्रति व्यक्ति आय लगभग 3.87 लाख रुपये तक पहुंच गई है।

गरीब राज्यों की स्थिति चिंताजनक
इसके विपरीत उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसी राज्य पिछड़े हैं। बिहार में 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय लगभग ₹69,321 अनुमानित की गई है, जो गोवा के मुकाबले करीब आठ गुना कम है। उत्तर प्रदेश और झारखंड की स्थिति भी इसी तरह कमजोर है। इसका मतलब है कि एक ही देश में रहने के बावजूद जीवन स्तर और क्रय शक्ति में बड़ा अंतर है।

आर्थिक असमानता का असर – पलायन बढ़ा
राज्यों के बीच यह असमानता न केवल जीवन स्तर में अंतर पैदा करती है, बल्कि लोगों को बेहतर रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर पलायन करने के लिए भी मजबूर करती है। बिहार, झारखंड और यूपी से लाखों लोग पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में रोजगार की तलाश में जा रहे हैं। नीति निर्माताओं के लिए चुनौती यह है कि इन पिछड़े राज्यों में स्थानीय उद्योग और रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएँ, ताकि अमीरी और गरीबी के बीच की खाई को कम किया जा सके।