नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया है। सोमवार को स्पॉट गोल्ड रिकॉर्ड बढ़त के साथ 4,383.73 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गया। वैश्विक स्तर पर आई इस तेजी का असर घरेलू वायदा बाजार पर भी देखने को मिला, जहां एमसीएक्स पर सोने ने 1,35,799 रुपये प्रति 10 ग्राम का नया उच्च स्तर छू लिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती और आगे भी दरों में नरमी की उम्मीदों ने सोने की कीमतों को मजबूती दी है। ब्याज दरों में कटौती से डॉलर कमजोर हुआ है, जिससे निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश विकल्प माने जाने वाले सोने की ओर बढ़ा है।
2025 में अब तक 67 प्रतिशत रिटर्न
साल 2025 में अब तक सोने ने करीब 67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक व्यापार अनिश्चितता, केंद्रीय बैंकों की मजबूत खरीद और भविष्य में कम ब्याज दरों की संभावनाओं को इस तेजी के प्रमुख कारण माना जा रहा है। इसके साथ ही डॉलर इंडेक्स में कमजोरी ने भी सोने की कीमतों को समर्थन दिया है।
बाजार जानकारों का कहना है कि निवेशक वर्ष 2026 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से दो और ब्याज दर कटौती की संभावना को लेकर सतर्क हैं, जिससे सोने में खरीदारी और तेज हुई है।
सर्राफा बाजार में भी असर
अंतरराष्ट्रीय बाजार की मजबूती का असर भारतीय सर्राफा बाजार में भी साफ दिख रहा है। देश में 24 कैरेट सोने का हाजिर भाव करीब 1,03,170 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहा है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत लगभग 92,990 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, कम ब्याज दरों का माहौल सोने और चांदी जैसी नॉन-यील्डिंग धातुओं के लिए अनुकूल माना जाता है। जब बॉन्ड और नकद निवेश पर रिटर्न घटता है, तब निवेशक इन कीमती धातुओं की ओर रुख करते हैं। हाल के सप्ताहों में डॉलर इंडेक्स के कमजोर होने से भी सोने और चांदी की कीमतों को मजबूती मिली है।