नई दिल्ली: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) अब इतिहास बन चुका है। इसके स्थान पर विकसित भारत–जी राम जी अधिनियम लागू हो गया है। संसद के शीतकालीन सत्र में पारित इस विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 21 दिसंबर को मंजूरी दे दी।
ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देने वाले मनरेगा कानून में यह बड़ा बदलाव कांग्रेस के निशाने पर है। पार्टी लगातार सरकार की नीतियों पर हमलावर रही है और इसे ग्रामीण विकास पर खतरा बताते हुए आलोचना कर रही है।
हाल ही में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक विस्तृत लेख में मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने चेतावनी दी कि मनरेगा कानून को खत्म करने का असर सीधे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका पर पड़ेगा। लेख में उन्होंने कई बिंदुओं पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया और प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल से जवाब मांगा।
सोनिया गांधी ने नए विकसित भारत–जी राम जी अधिनियम के उन पहलुओं पर भी चिंता जताई है, जिनका ग्रामीण रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पर सीधा असर पड़ सकता है। उनके अनुसार, यह कदम सरकार के दृष्टिकोण और ग्रामीण कल्याण के दृष्टिकोण पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।