कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति में सोमवार को एक नई पार्टी का औपचारिक प्रवेश होने जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर आज अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘जनता उन्नयन पार्टी’ की शुरुआत करेंगे। पार्टी का उद्घाटन मुर्शिदाबाद जिले के मिर्जापुर क्षेत्र में किया जाएगा, जो भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

पार्टी लॉन्च से पहले हुमायूं कबीर ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस से निलंबन के बावजूद उनका राजनीतिक सफर जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि उनकी नई पार्टी आम लोगों के मुद्दों को प्राथमिकता देगी और वे किसी भी राजनीतिक दबाव से पीछे नहीं हटेंगे। कबीर का कहना है कि आने वाले दिनों में पार्टी का विस्तार कोलकाता समेत उत्तर बंगाल के कई जिलों तक किया जाएगा।

अगले चुनाव में 100 से अधिक सीटों पर उतरने का दावा

हुमायूं कबीर ने बताया कि मुर्शिदाबाद उनका गृह जिला है और यहीं से पार्टी की संगठनात्मक नींव मजबूत की जाएगी। कार्यक्रम के दौरान पार्टी के पदाधिकारियों की घोषणा भी की जाएगी। बताया जा रहा है कि पश्चिम मेदिनीपुर के अल हाज हाजी को संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसके अलावा कबीर ने बरहामपुर से रोड शो निकालने की भी घोषणा की है।

उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में 100 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और चुनाव परिणामों के बाद सरकार गठन में निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में होगी। कबीर ने टीएमसी और भाजपा से इतर अन्य राजनीतिक दलों से भी सहयोग की अपील की है। उनका कहना है कि पार्टी का लक्ष्य अल्पसंख्यक मतदाताओं को एकजुट करना और कम से कम 90 सीटों पर जीत दर्ज करना है। उन्होंने संकेत दिए कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर और नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम से भी उम्मीदवार उतार सकती है।

टीएमसी से टकराव के बाद नया सियासी रास्ता

गौरतलब है कि हुमायूं कबीर और तृणमूल कांग्रेस के बीच मतभेद बीते कुछ समय से लगातार बढ़ते रहे हैं। छह दिसंबर को मुर्शिदाबाद में एक विवादित धार्मिक परियोजना से जुड़े कदम के बाद पार्टी नेतृत्व ने उन्हें अनुशासनहीनता और विवादास्पद बयानों के आरोप में निलंबित कर दिया था। निलंबन के बाद कबीर ने पहले विधायक पद से इस्तीफे के संकेत दिए थे, लेकिन बाद में उन्होंने विधानसभा सदस्य बने रहने का फैसला किया।

नई पार्टी के गठन के साथ हुमायूं कबीर ने साफ कर दिया है कि वे पश्चिम बंगाल की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने की तैयारी में हैं।