1 नवंबर 2025 से बैंक ग्राहक अपने खाते में अधिकतम चार लोगों को नॉमिनी के रूप में नामित कर सकेंगे। इसका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में दावों के निपटान में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करना है। यह प्रावधान बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत लागू होगा, जिसे 15 अप्रैल 2025 को अधिसूचित किया गया था।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, नए नियमों के तहत ग्राहक एक साथ या क्रमिक रूप से अधिकतम चार नामांकित व्यक्ति चुन सकते हैं। प्रत्येक नामांकित व्यक्ति के लिए हिस्सेदारी या पात्रता का प्रतिशत भी निर्दिष्ट किया जा सकेगा, ताकि कुल राशि सभी नामित व्यक्तियों में पारदर्शी रूप से वितरित हो।
सुरक्षा लॉकर और सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं के लिए केवल क्रमिक नामांकन की अनुमति होगी। नामांकित व्यक्ति केवल पहले नामित व्यक्ति की मृत्यु के बाद हकदार बनेगा। इससे निपटान प्रक्रिया में निरंतरता और उत्तराधिकार की स्पष्टता सुनिश्चित होगी।
बैंकिंग कंपनी (नामांकन) नियम, 2025 में एकाधिक नामांकन, नामांकन रद्द करने और प्रपत्रों की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है। सभी बैंकों में इन प्रावधानों को समान रूप से लागू करने के लिए इसे जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा।
अधिनियम का उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासनिक मानकों को मजबूत करना, भारतीय रिजर्व बैंक को रिपोर्टिंग में एकरूपता सुनिश्चित करना, जमाकर्ता और निवेशक संरक्षण बढ़ाना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लेखा परीक्षा की गुणवत्ता सुधारना और बेहतर नामांकन सुविधाओं के माध्यम से ग्राहक सुविधा को बढ़ाना है।
इसके अलावा, अधिनियम में सहकारी बैंकों में निदेशकों के कार्यकाल को युक्तिसंगत बनाने और पर्याप्त ब्याज सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करने का प्रावधान भी शामिल है।