नई दिल्ली: 22 सितंबर से लागू होने वाले नए जीएसटी दरों को लेकर देशभर में चर्चा तेज है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि इन सुधारों के बाद देशवासियों के हाथ में करीब दो लाख करोड़ रुपये बचेंगे, जिससे घरेलू खर्च और खपत में वृद्धि होगी।
तमिलनाडु फूडग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन के 80वें स्थापना दिवस समारोह में बोलते हुए सीतारमण ने बताया कि जीएसटी की दरों को चार स्लैब से घटाकर दो स्लैब किया जा रहा है। उनका कहना है कि इस बदलाव का उद्देश्य गरीब, मध्यम वर्गीय परिवार और छोटे-मध्यम उद्योगों को लाभ पहुंचाना है।
सामान की कीमतें घटेंगी
वित्त मंत्री ने कहा कि सुधारों के बाद सामान की कीमतें कम होंगी, जिससे लोग अधिक खरीदारी करेंगे। उन्होंने उदाहरण दिया कि अगर साबुन जैसी वस्तु अधिक मात्रा में बिकेगी, तो निर्माता उत्पादन बढ़ाएंगे, जिससे रोजगार सृजन होगा और सरकार को भी अधिक टैक्स मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले टैक्स देने वाले उद्यमियों की संख्या 65 लाख थी, जो अब बढ़कर 1.5 करोड़ हो गई है।
राजनीतिक आलोचना का जवाब
सीतारमण ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से जीएसटी को “गब्बर सिंह टैक्स” कहने की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि यह टैक्स आधार बढ़ाने वाला कदम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले आठ वर्षों में किसी उत्पाद पर अतिरिक्त टैक्स नहीं लगाया गया है और अब जो कटौती हो रही है वह सही और जनता के हित में है।
वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि नए जीएसटी सुधार देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे और गरीब, मध्यम वर्ग व एमएसएमई को राहत देंगे।