भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन माना जाता है, फिलहाल देश में 64015 किमी का रेल नेटवर्क है, जिसके रखरखाव और ट्रेन संचालन के लिए लाखों कर्मचारी काम कर रहे हैं. इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय रेलवे को 2.55 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया है. बीता कुछ समय रेलवे के लिए अच्छा नहीं रहा है, 2024 में कई बड़े रेल हादसे हुए तो 15 फरवरी को देश की राजधानी दिल्ली के सबसे बड़े नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की वजह से 18 लोगों की कुचलकर मौत हो गई. क्या आपको पता है 78 साल पहले यानी 1947-48 में भारतीय रेलवे का बजट कितना था? अगर नहीं पता है तो आपको बता दें बीते 78 साल में रेलवे का बजट 17857 गुना बढ़ गया है. यहां हम विस्तार से आपको रेल बजट के बारे में बताएंगे.

1947-48 में इतना था रेल बजट

जब देश आजाद हुआ था, तब देश की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी. अंग्रेजों ने बेशक भारत में 53596 किमी का रेलवे ट्रैक बिछाया था, लेकिन तब रेलवे अंग्रेजों की सहूलियत के लिए थी. आजाद भारत के पहले रेल बजट में सरकार ने 14 करोड़ 28 लाख रुपए आवंटित किए थे.

2025 में 17857 गुना बढ़ा रेल बजट

आजादी के समय भारत में कुल रेल ट्रैक 53596 किमी था जो अब बढ़कर 64015 किमी हो गया है. वहीं रेल बजट 14 करोड़ 28 लाख से 17857 गुना बढ़कर 2.55 लाख करोड़ रुपए हो गया है. आपको बता दें रेल बजट का एक बड़ा हिस्सा कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में खर्च होता है. वहीं दूसरा बड़ा हिस्सा ट्रैक की मरम्मत और नई ट्रेन चलाने पर हो रहा है.

2024 के मुकाबले इतना घटा रेल बजट

बीते फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के मुकाबले 2025-26 के लिए रेल बजट 7 हजार करोड़ रुपए कम हुआ है, सरकार ने 2024 में 2 लाख 62 हजार करोड़ रुपए का रेल बजट पेश किया था, जबकि 2025 में सरकार ने रेलवे के लिए 2 लाख 55 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं.

ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या

भारतीय रेलवे में रोजाना 2 करोड़ 31 लाख यात्री सफर करते हैं. ये संख्या ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या के बराबर है. वहीं भारतीय रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है.