गर्मी का असर टमाटर की फसल पर ही दिख रहा है। मंडी में टमाटर की बेकद्री हो रही है। टमाटर थोक में 5 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। रविवार सब्जी मंडी में टमाटर की इतनी आवक बढ़ गई कि कोई खरीदने को तैयार नहीं हुआ। ऐसे में टमाटर की फ्री बोली लगी। आढ़तियों के अनुसार टमाटर के खरीदार नहीं मिल रहे। किसानों का कहना है कि लागत तो दूर किराया भी नहीं मिल रहा।

बुलंदशहर जिले में बड़ी संख्या में किसान टमाटर की खेती करते हैं। उन्हें इस खेती से आस रहती है कि अच्छा मुनाफा होगा। इस समय किसानों ने गंगा की खादर समेत जगह-जगह टमाटर की खेती की है। रविवार को सब्जी मंडी में दूसरे जिलों के साथ अनूपशहर से जरूरत से अधिक टमाटर की आवक हुई तो उसे खरीदने को तैयार नहीं हुआ। इसे देखते हुए आढ़तियों ने किसानों की सहमति पर फ्री बोली लगानी शुरू कर दी। इसकी लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। 

सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान खुशीराम ने बताया कि इस समय गर्मी चरम पर है। ऐसे में टमाटर समय से पहले पक रहा है। इसलिए मंडी में टमाटर की आवक जरूरत से अधिक हो रही है। वहीं, जो टमाटर समय से पहले पक रहा है, उसे स्टोर नहीं किया जा सकता। इसलिए विक्रेता भी उतना ही टमाटर खरीद रहे हैं, जो रोजाना बिक सके। रविवार को मंडी में जब टमाटर नहीं बिका तो आढ़तियों को फ्री में बोली लगानी पड़ी। जो टमाटर कुछ ठीक रहा वह भी 5 रुपये प्रति किलो बिका। मंडी सचिव मनमोहन सिंह के अनुसार मंडी में आवक अधिक और मांग कम होने के कारण किसानों को अच्छा भाव नहीं मिल रहा है। यह टमाटर समय से पहले पक गया, जिससे उसकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं मानी जा रही है।

सब्जी मंडी में टमाटर लेकर पहुंचे किसान सुभाष सैनी व रामकुमार आदि ने बताया कि वह टमाटर की खेती लंबे समय से करते चले आ रहे हैं। इस बार भी टमाटर की खेती यह सोचकर की थी कि अच्छा भाव मिलेगा। टमाटर की फसल करना भी काफी महंगा है। लेकिन गर्मी की मार के चलते टमाटर समय से पहले पक रहा है। इसकी मंडी में भी मांग नहीं हो रही। स्थिति यह है कि मंडी में टमाटर पहुंचाने का किराया तब नहीं मिल रहा है। इस बार टमाटर की खेती से उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि टमाटर का अच्छा भाव न मिलने के कारण कई किसान फसल को जोत कर नष्ट करने का भी मन बना चुके हैं। इस नुकसान को देखकर किसान आगे टमाटर की फसल न करने का भी निर्णय ले रहे हैं।