ब्राजील में जारी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन देशों को चेतावनी दी है जो ब्रिक्स की अमेरिका-विरोधी नीतियों का समर्थन कर रहे हैं। ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि ऐसे देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा, और इस नीति में किसी को छूट नहीं दी जाएगी।
गौरतलब है कि ब्रिक्स की शुरुआत ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के गठजोड़ से हुई थी, लेकिन 2023 में इसमें इंडोनेशिया, ईरान, मिस्र, इथियोपिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश भी शामिल हो गए हैं।
12 देशों पर टैरिफ लगाने की तैयारी
ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह 12 देशों के लिए टैरिफ नोटिस तैयार कर चुके हैं, जिन्हें सोमवार दोपहर 12 बजे सार्वजनिक किया जाएगा। इससे पहले 2 अप्रैल को ट्रंप ने सभी व्यापारिक साझेदारों के लिए बढ़े हुए टैरिफ का ऐलान किया था, जिसे वैश्विक प्रतिक्रिया के बाद 90 दिनों के लिए टाल दिया गया था। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रही है।
ब्रिक्स के साझा बयान में अमेरिका का नाम लिए बिना एकतरफा टैरिफ वृद्धि की आलोचना की गई थी। इसमें कहा गया था कि इस प्रकार के फैसले अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
ब्रिक्स में पीएम मोदी का आतंकवाद पर कड़ा संदेश
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउथ के संदर्भ में आतंकवाद पर दोहरे रवैये की कड़ी आलोचना की। उन्होंने विशेष रूप से पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए इसकी निंदा की, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए आतंकवाद के समर्थन को मानवता के खिलाफ अपराध बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होकर आतंक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
ग्लोबल संस्थानों में व्यापक सुधार की आवश्यकता: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा मानवता और वैश्विक कल्याण के लिए कार्य किया है। उन्होंने ज़ोर दिया कि ग्लोबल साउथ को अब तक केवल प्रतीकात्मक सहयोग मिला है, जबकि आज आवश्यकता है कि वैश्विक संस्थाओं में व्यापक और ठोस सुधार लाए जाएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद, चाहे वह कहीं भी हो, मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती है और आतंकियों तथा उनके समर्थकों को एक ही दृष्टिकोण से नहीं देखा जा सकता।