प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान व चीन की यात्रा से स्वदेश लौट आये हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ भारत में 6 लाख करोड़ रूपये के निवेश के रोड मैप के साथ 13 समझौतों पर दस्तखत हुए। चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन में नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की सभी एससीओ देशों ने अपने साझा बयान में निन्दा की। व्लादिमीर पुतिन व शी जिनपिंग ने श्री मोदी को कैसे तवज्जो दी, कैसे विश्व की नयी अर्थव्यवस्था एवं सुरक्षा नीति तैयार करने में भारत की सहभागिता रही, ट्रंप सहित पूरी दुनिया मीडिया के ज़रिये जान चुकी है।
विदेश यात्रा से दिल्ली लौटते ही प्रधानमंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से राज्य की बाढ़ स्थिति पर बात की और केन्द्र से तात्कालिक सहायता भेजी। अफगानिस्तान के भूकंप ग्रस्त कुनार प्रान्त में सहायता सामग्री भेजने का आदेश पहले ही दे चुके थे।
दूसरी ओर 16 दिन की वोट चोरी यात्रा का पटना में समापन करते हुए राहुल ने कांग्रेस-राजग कार्यकताओं से पूछा- एटम बम को जानते हो? उसे पहले फोड़ चुका हूं। अब हाइड्रोजन बम छोडूंगा। जानते हो हाइड्रोजन बम क्या होता है? यह एटम बम से भी खतरनाक होता है। जब छोडूंगा तो मोदी मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा।
वाकई एंटोनियो माइनो (सोनिया गांधी) ने अनोखा लाल जना है जो एक इंसान को मारने के लिए एटम बम फोड़ना चाहता है या हाइड्रोजन बम चलाना चाहता है। पटना में पूछ रहा है कि क्या एटम बम और हाइड्रोजन बमों को जानते हो? क्या वह नहीं जानता कि नागासाकी और हिरोशिमा में एटमब म से कितने लाख लोग मरे थे? क्या राहुल के पास ऐसा हाइड्रोजन बम है जो लक्ष्य भेदी है, सिर्फ नरेंद्र मोदी को ही मारेगा? उन करोड़ों लोगों का क्या होगा जो मोदी को राष्ट्रनायक के रूप में देखते हैं। क्या राहुल के पास कोई तीसरा बम भी है जिसके फोड़ते ही सारे भारतवासी सुप्रिया श्रीनेत और पवन खेड़ा की भांति उसकी जय जयकार करने लगेंगे? खड़गे ने कह दिया है कि डबल इंजन सरकार 6 महीने में जाने वाली है। राहुल का कहना है- पिक्चर अभी बाकी है। लोग इन्तजार में हैं- कहानी का पटाक्षेप सुखान्त होगा या दुखान्त!
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’