गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) सुर्खियों का हिस्सा बने रहते हैं. वह हर मुद्दे पर अपनी राय रखने से पीछे नहीं हटते हैं जिसकी वजह से उन्हें कई बार मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है. एक बार फिर वह मुश्किल में पड़ गए हैं. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ(RSS) के खिलाफ टिप्पणी करना जावेद अख्तर को भारी पड़ गया है. जावेद अख्तर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में आरएसएस को तालिबान के समान बता दिया था. जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. मुलंड के थाने में वकील संतोष दुबे ने जावेद अख्तर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. आईपीसी की धारा 500 के तहत ये एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
वकील संतोष दुबे ने पीटीआई से बातचीत में कहा है कि मैंने पहले जावेद अख्तर को लीगल नोटिस भेजकर उन्हें उनकी टिप्पणी पर माफी मांगने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. अब उनके खिलाफ मेरी शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है.
मांगा था 100 करोड़ का हर्जाना
वकील संतोष दुबे ने पहले कहा था कि अगर जावेद अख्तर बिना शर्त लिखित माफी और नोटिस का सात दिनों के अंदर जवाब नहीं देते हैं तो वह उनसे 100 करोड़ रुपये हर्जाना मांगते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाएंगे. उन्होंने कहा था कि जावेद अख्तर ने जिस तरह की बयानबाजी की वह आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत अपराध है.
जावेद अख्तर ने कही थी ये बात
रिपोर्ट्स के मुताबिक जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि आरएसएस का सपोर्ट करने वाले लोगों की मानसिकता भी तालिबानियों जैसी ही है. इस संघ का सपोर्ट करने वालों को आत्मपरीक्षण करना चाहिए. आप जिनका सपोर्ट कर रहे हैं उनमें और तालिबानियों में क्या अंतर है. जावेद अख्तर के इस बयान के बाद ही कई लोगों ने उन पर निशाना साधा था. जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया गया था.
वहीं जावेद अख्तर ने अगस्त में ट्वीट करके तालिबान का सपोर्ट करने वालों की खिंचाई की थी. उनका ये ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.
 
                 
                 
                 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                     
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        