अफगानिस्तान में बुधवार को एक बार फिर तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 मापी गई है। बीते एक महीने में यह चौथा भूकंप है, जिससे यह क्षेत्र फिर से भूकंप की संवेदनशीलता को दर्शाता है।

जानकारी के अनुसार, इससे पहले 17 अगस्त को 4.9 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके पहले 13 अगस्त को 4.2 और 8 अगस्त को 4.3 तीव्रता के भूकंप दर्ज किए गए थे, दोनों 10 किलोमीटर की गहराई पर।

भूकंप क्यों आता है?
पृथ्वी में सात बड़ी प्लेटें लगातार गतिशील रहती हैं। जहां ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, वहां फॉल्ट लाइन बनती है। बार-बार टकराने से प्लेटों के किनारे मुड़ते हैं और दबाव बढ़ने पर प्लेटें टूटती हैं। इस प्रक्रिया में अंदर की ऊर्जा बाहर निकलती है, जिससे भूकंप आता है।

भूकंप का केंद्र और तीव्रता क्या है?
भूकंप का केंद्र (एपीसेंटर) वह स्थान होता है जहां प्लेटों की हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। केंद्र के पास कंपन सबसे ज्यादा महसूस होता है और दूर जाने पर इसका प्रभाव कम हो जाता है। रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप के झटके 40 किमी तक के दायरे में महसूस किए जा सकते हैं, हालांकि प्रभावित क्षेत्र भूकंपीय आवृत्ति पर भी निर्भर करता है।

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भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप की जांच और तीव्रता मापन रिक्टर स्केल से किया जाता है। इसे 1 से 9 तक के स्तर पर मापा जाता है। भूकंप की ऊर्जा जितनी अधिक होती है, झटके उतने ही तीव्र महसूस होते हैं।

रिक्टर स्केल पर भूकंप का असर:

  • 0–1.9: केवल सीज्मोग्राफ पर दिखाई देता है
  • 2–2.9: हल्का कंपन
  • 3–3.9: पास से गुजरते ट्रक जैसा असर
  • 4–4.9: खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवार पर टंगी फ्रेम गिर सकते हैं
  • 5–5.9: फर्नीचर हिल सकता है
  • 6–6.9: इमारतों की नींव दरक सकती है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान
  • 7–7.9: इमारतें गिर सकती हैं, जमीन के अंदर पाइप फट सकते हैं
  • 8–8.9: बड़े पुल और इमारतें गिर सकती हैं, सुनामी का खतरा
  • 9 और उससे अधिक: व्यापक तबाही, समुद्र के पास सुनामी