नई दिल्ली। नेपाल में भ्रष्टाचार, प्रभावशाली लोगों की विलासित जीवनशैली और इंटरनेट पर प्रतिबंध के खिलाफ Gen-Z युवाओं के दो दिन तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सेना ने पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। काठमांडू समेत प्रमुख शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है और सेना सड़कों पर गश्त कर रही है।
राजधानी काठमांडू में बुधवार को सन्नाटा रहा। Gen-Z प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक दलों के बीच सेना की मध्यस्थता में बैठक हुई, जिसमें अंतरिम सरकार बनाने पर सहमति बनी। इसके तहत नेपाल की पूर्व और प्रथम महिला न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।
युवाओं ने हिंदू राष्ट्र बनाने और नया संविधान तैयार करने के साथ संसद भंग करने का प्रस्ताव पास किया। इसमें दो महीने में नया संविधान बनाने और छह महीने में संसदीय चुनाव कराने की मांग भी शामिल है।
पूर्व प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद भी हिंसा जारी रही। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय और सरकारी भवनों में आगजनी की। इस हिंसा में मृतकों की संख्या 30 तक पहुंच गई। सुरक्षा बलों ने लूटपाट और आगजनी में शामिल 27 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से 3.37 लाख रुपये नकद और 31 हथियार बरामद किए गए।
बैठक में Gen-Z सदस्यों ने सार्वजनिक पदों पर बैठे भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति की जांच कराने, दलगत नियुक्तियों को खत्म करने और नए संविधान में हिंदू राष्ट्र को शामिल करने की मांग की। इसके अलावा, युवाओं ने सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता, कार्यकाल सीमित करना और स्थानीय निकायों को गैर-दलीय बनाने का प्रस्ताव रखा।
नेपाली सेना ने लोगों से आग्रह किया है कि वे अत्यावश्यक काम के अलावा घर से बाहर न निकलें और लूटे या प्राप्त हथियार सुरक्षा चौकियों को सौंप दें। सेना ने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार का हिंसक प्रदर्शन, तोड़फोड़ या आगजनी अपराध माना जाएगा।