नेपाल निर्वाचन आयोग ने रविवार को मार्च में होने वाले संसदीय चुनाव का विस्तृत चुनावी कार्यक्रम जारी कर दिया। लंबे समय से चले राजनीतिक तनाव और हालिया अशांति के बाद यह चुनाव देश के लिए विशेष महत्व रखता है।

नामांकन की प्रक्रिया:
निर्वाचन आयोग के अनुसार, उम्मीदवार 20 जनवरी को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे। उसी दिन शाम 5 बजे के बाद प्रत्याशियों की प्रारंभिक सूची प्रकाशित की जाएगी। किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ आपत्ति या विरोध दर्ज कराने का समय 21 जनवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा।

उम्मीदवारी वापसी और मतदान:
चुनावी कार्यक्रम के मुताबिक, 22 जनवरी को उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की जाएगी। उम्मीदवार 23 जनवरी दोपहर 1 बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। अंतिम सूची उसी दिन तीन बजे प्रकाशित की जाएगी और चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए जाएंगे। मतदान 5 मार्च को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।

नेपाल की चुनाव प्रणाली:
नेपाल के संविधान के तहत, संसद की कुल 275 सीटों में से 165 सदस्य सीधे चुनाव से चुने जाते हैं। बाकी 110 सीटें आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर भरी जाती हैं।

राजनीतिक संदर्भ और चुनाव की आवश्यकता:
इस चुनाव की आवश्यकता देश में राजनीतिक संकट के कारण पड़ी। 9 सितंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद से हटा दिया गया था। इससे पहले बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने की मांग की थी। दो दिनों में हिंसा में 76 से अधिक लोगों की जान चली गई। इन घटनाओं के बाद राजनीतिक दबाव बढ़ा और ओली सरकार गिर गई। इसके बाद 12 सितंबर को सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया और चुनाव कराने का रास्ता साफ हुआ।